एनआरएचएम घोटालाः घूसखोर करते रहे गरीब मरीजों की जान का सौदा

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राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (एनआरएचएम) घोटाले की जांच कर रही सीबीआई को दवा आपूर्ति में करोड़ों की गड़बड़ी के पर्याप्त सुबूत मिल गए हैं। जांच में पता चला है कि मुरादाबाद की एक दवा फर्म ने ठेका तो लिया ब्रांडेड दवाएं आपूर्ति करने का, लेकिन लोकल कंपनियों से दवाओं की आपूर्ति करा दी। जांच के बाद अब सीबीआई फर्म पर कार्रवाई करने की तैयारी में है। सीबीआई जनवरी के पहले हफ्ते में कुल आठ मामले दर्ज कर सकती है।

 

सीबीआई सूत्रों के मुताबिक वर्ष 2009-10 और 2010-11 में दवा आपूर्ति का ठेका स्वास्थ्य महानिदेशालय ने दिया था। इसमें 24 जिलों में दवा आपूर्ति का करीब तीन करोड़ का ठेका मुरादाबाद की जैन मेडिकल्स को मिला था। शर्तों के आधार पर ही जैन मेडिकल्स से करार किया गया था। इसी रेट कॉन्ट्रेक्ट के आधार पर जिलों में दवा की आपूर्ति की जानी थी, लेकिन करार के बाद ब्रांडेड दवाओं की जगह लखनऊ और आसपास की कंपनियों से दवा खरीद कर आपूर्ति करा दी। सीबीआई ने जब स्वास्थ्य महानिदेशालय में सेंट्रल मेडिकल स्टोर डिपो (सीएमएसडी) जाकर दवाओं की जांच की तो पता चला कि केवल एक चौथाई हिस्सा ही ब्रांडेड दवाएं मंगाई गई थीं। बाकी दवाएं गुणवत्ता विहीन थीं। इन दवाओं को पांच गुना ज्यादा दामों पर बेचकर 500 प्रतिशत तक मुनाफा भी दवा आपूर्ति करने वाली फर्म ने कमाए।