हास्य गोष्ठी: चश्मा ही टूट जाता है नजरो की ताब से, देखे जो कोई नाजनी हिजाब से

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कायमगंज (फर्रुखाबाद): आज एक अप्रैल पर हास्य कवि गोष्ठी का हुआ आयोजन किया गया। गोष्ठी में हास्य कवियों ने अपनी_अपनी गुदगी रचनायें पेश कर लोगों को हंसने के लिए मजबूर कर दिया।
अंजुमन फरोगें अदब कायमगंज द्वारा एक हास्य कवि गोष्ठी का आयोंजन नगर के पूर्व माध्यमिक विद्यालय काजम खां में किया गया। गोष्ठी का शुभारम्भ करते हुये जाने माने कवि और गीत कार सैयद राशिद अली ने अपनी रचना पडते हुये कहा साहब जनसंख्या बढने का हमपर करना रोष नही समझा देना बेगम को भी तनहा यह हमारा दोष नही। संचालक ने अपने उदगार इन शब्दो में पेश किये चश्मा ही टूट जाता हैनजरो की ताब से जिस बक्त कोई नाजनी देखे हिजाब से। शायर अब्दुलवहाब बहार ने कुछ दिन पूर्व घटी अप बीती को इन शब्दो का जामा पहना कर पेश किया। लेकर पर्स बहार जी खडे बधिक के द्वार मास समझ कर लेगई चील झपट्टा मार। शायर मुम्ताज हुसैन ने व्यंग करते हुये कहा करत करत अभ्यास के जनमत होत सुजान लाल किला के चीर पर कल्लू देत बयान। अन्त में गोष्ठी अध्यक्ष श्री रत्नेश ने अपनी कविता प्रस्तुत करते हुये कहा यूपी की सरकार ने थे किये उपाये यथेष्ट मुर्दे भी इतमीनान से करसकते है रेस्ट कर सकते है रेस्ट ओढ कर मच्छर दानी आने जाने बालो की होगी निगरानी कवि रत्नेश कब्रगाहो पर जाल तने गी पक्की होगी सडक बाउन्ड्रीबाल बनेगी। गोष्ठी की अध्यक्षता वरिष्ठ कवि रामबाबू मिश्र रत्नेश ने की और संचालन एन0के0तैयब ने किया।  गोष्ठी के समापन पर विद्यालय के प्रधाना चार्य ने सब को धन्यबाद ज्ञापित किया।इस अवसर पर कवियों और शायरो के साथ विधालय के छात्रों अभिभावकों तथा स्थानीय लोगों की उपस्थिति रही।