कैदी की मौत में गवाही बनी राजेशा के जी का जंजाल

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फर्रुखाबाद: एक माह पूर्व जेल में बंदी रक्षकों द्वारा एक वृद्ध कैदी को पीट पीटकर मार डालने के मामले में चल रही जाँच में जेल प्रशासन के विरुद्ध दी गयी गवाही राजेश वर्मा उर्फ़ राजेशा के लिये जी का जंजाल बन गई है|

विदित है कि उत्पीडन और भुखमरी से त्रस्त बंदी राजेशा ने इसी सप्ताह जिला जेल में स्थित एक ऊंचे पेंड पर चढ़कर आत्म ह्त्या करने की धमकी दी थी| बाद में अधिकारियों के आश्वासन पर वह पेंड से नीचे उतर आया था| परन्तु इसके बावजूद राजेशा व उसके साथियों की समस्याएं कम होना तो दूर और बढ़ गयी हैं|

विगत 28 अगस्त को जिला जेल में बंद जहानगंज थाना क्षेत्र के गांव सरवर आलमपुर निवासी सत्तर वर्षीय बंदी गंगा प्रसाद, जो कि जानलेवा हमले के आरोप में सजा काट रहे थे, की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गयी थी। उन्हें मृत अवस्था में लोहिया अस्पताल लाया गया था। अस्पताल पहुंचे परिजनों ने एक प्रधान बंदीरक्षक पर मारपीट कर हत्या का आरोप लगाया। सूत्रों के मुताबिक पोस्टमार्टम में आंत, बांयी कोहनी, छाती में तथा कान पर आई चोटों का भी जिक्र किया था। परिजनों की शिकायत पर मामले की जांच सीओ सिटी को सौंपी गयी थी। राजेशा ने बताया है कि गंगा  प्रसाद की मौत बंदी रक्षकों की पिटाई से हुई थी। जांच के दौरान उसने इस आशय की गवाही भी पुलिस को दी थीं। बस तभी से जेल प्रशासन उससे खार खाये बैठा है। उसे लगातार प्रताड़ित किया जा रहा है व भोजन भी पूरा नहीं दिया जा रहा है।