चाल: दुष्कर्म के आरोपी डिप्टी जेलर का तबादला

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फर्रुखाबाद: सेंट्रल जेल के कैदी की पत्नी से सामूहिक दुष्कर्म के मामले में मामले को ठंडा करने के लिए डिप्टी जेलर अंजनी कुमार गुप्ता व केपी सिंह का तबादला कन्नौज की निर्माणाधीन जेल के लिए किया गया है। 22 अगस्त की रात्रि आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे कैदी राजवीर कठेरिया से मुलाकात का झांसा देकर उसकी पत्नी सपना (परिवर्तित नाम) से दुष्कर्म के मामले में चार बंदी रक्षकों को व उनके अज्ञात साथियों के खिलाफ 26 अगस्त को फतेहगढ़ कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज की गयी। विभागीय जांच व मुकदमे की विवेचना में डिप्टी जेलरों व उनके एक रिश्तेदार की भूमिका संदिग्ध पायी जाने के बाद डीआईजी (जेल) शरद कुलश्रेष्ठ ने आईजी (जेल) के आदेश पर केंद्रीय कारागार पहुंच प्रकरण की जांच की।

पुलिस की तफ्तीश में भी यह बात सामने आयी कि सामूहिक दुष्कर्म की घटना जेल अधिकारियों व कर्मचारियों की पार्टीबंदी का नतीजा हो सकती है| हालाँकि जेल अधीक्षक के मुताबिक मुकदमे में वादी राजवीर कठेरिया पर यह लोग दोषी लोगों को बचाने के दबाव बनाने का प्रयास कर सकते हैं इसलिए इनका तबादला किया है। मगर जेएनआई को सूत्रों से मिली खबर के अनुसार बड़े स्तर पर इस गंभीर अपराध के खुलासे होने और मानवाधिकार आयोग के सक्रिय होने के बाद जेल और प्रशासन मामले को जाँच में हल्का कर रिपोर्ट में कुछ नहीं होने का फाइनल गेम खेलने की तैयारी में हैं|

बंदी रक्षको की भर्ती सर पर और इतना बड़ा बबाल?
दूसरी और इतने बड़े गंभीर अपराध के बाद जेल अधीक्षक की कुर्सी भी हिल सकती है| सूत्रों के अनुसार बहुत जल्द ही जेल में नौकरी के लिए होने वाली भर्ती से पहले जेल अधीक्षक किसी भी कीमत पर भर्ती की मलाई से वंचित नहीं रहना चाहते है| इसीलिए एक महिला के साथ हुए गंभीर अपराध के बाबजूद जितनी त्वरित कारवाही की अपेक्षा की जानी चाहिए नहीं हो पा रही है| सूत्रों से ये भी पता चला है की दोषी चारो बंदी रक्षक को कई दिन पहले पुलिस अपने कब्जे में ले चुकी है किन्तु अभी तक न तो गिरफ्तारी दिखाई गयी और न ही कोई खुलासा किया जा रहा है| शायद पूरा सरकारी तंत्र मामले को ठंडा कर निपटाने के मूड में दिखता है|