दुर्वाषा ऋषि आश्रम के महंत ईश्वरदास महाराज ने त्यागा अन्न-जल

FARRUKHABAD NEWS


फर्रुखाबाद:(नगर संवाददाता) विनय ना मानत जलध जड़ गए तीन दिन बीति। बोले राम सकोप तब भय बिनु होय ना प्रीति | इस रामचरित मानस की चौपाई पत्र में लिखनें के साथ ही दुर्वाषा ऋषि आश्रम के महंत ईश्वरदास जी महाराज नें अन्न-जल का त्याग कर दिया | जिससे आश्रम से जुड़े श्रद्धालुओं की भीड़ आश्रम में एकत्रित होने लगी है| विवाद मेला रामनगरिया में लगे ईश्वरदास जी महाराज के होर्डिंग-बैनर फाड़ने को लेकर हुआ है| अब
गला फंसता देख जिम्मेदार एक दूसरे पर मामले को डाल रहें हैं |
शहर के पांचाल घाट स्थित दुर्वाषा ऋषि आश्रम के महंत ईश्वर दास महाराज के होर्डिग मेला रामनगरिया में लगाये गये थे| जिस पर मेला संत समिति अध्यक्ष महंत सत्यगिरि नें विरोध कर दिया| सत्यगिरि नें बीते दिन पुल पर जाम लगानें का प्रयास किया था| विरोध
देख महंत ईश्वर दास के होर्डिंग फाड़कर हटा दिये गये| जिससे महंत ईश्वरदास खफा हो गये| उन्होंने पत्र जारी कर अन्न-जल त्याग करनें की जानकारी दी| उन्होंने बताया कि होर्डिंग मेला प्रभारी बबलू दीक्षित नें लगवाये थे| जिसे मेला प्रशासन के कुछ लोगों नें बिना जानकारी के हटा दिया गया| मेला थाना प्रभारी सत्य प्रकाश, कादरी गेट थानाध्यक्ष विनोद कुमार शुक्ला के सामने होर्डिंग हटाये गये | उन्होंने आरोप लगाया कि मेला प्रशासन एक साधू के भेष में अराजकतत्व का गुलाम है| ईश्वर दास नें चेतावनी दी की यदि दो दिनों के भीतर आश्रम के होर्डिंग नही लगाये गये तो शांति प्रिय आंदोलन होगा | मेला प्रभारी सत्यप्रकाश नें बताया कि संतों के विरोध के चलते होर्डिंग हटाये गये थे| मेला कमेटी नें हटाये थे| पहले इस प्रकार के कभी भी होर्डिंग नही लगे थे| मेला व्यवस्थापक संदीप दीक्षित नें बताया मामला मेरी जानकारी में नही है| महंत ईश्वरदास नें जेएनआई को बताया कि उन्होंने अन्न-जल त्याग दिया है| उनके होर्डिंग श्रद्धालुओं को मेला आगमन की शुभकामनायें देनें वाले थे| जिन्हें बिना कारण के हटा दिया गया था| उन्होंने दो इदं का समयदिया है|