तालाबों के घर, घरों में तालाब

FARRUKHABAD NEWS

फर्रुखाबाद:(जेएनआई ब्यूरो) दशकों से जहाँ तालाब हुआ करते थे वहां आज कंकरीट का जंगल खड़ा हैं| मसलन जहाँ कभी तालाब थे वहां अब बहुमंजिला भवन खड़े हैं | अब शहर का पानी तो जाये तो जाये कहा? यह सबाल हर बरसात में फन उठाकर खड़ा हो जाता है|
आप सभी को याद भी होगा लाल दरवाजे से ठंडी सड़क जानें वाले मार्ग पर लगभग तीन दशक पूर्व बड़े-बड़े तालाब थे जिसमे शहर का पानी जाता था| लेकिन समय के पम्प नें तालाबों का पानी सोख लिया| अब तालाबों में मिट्टी डालकर पाट दिया गया और बहुमंजिला ईमारतें खड़ी हो गयीं| अब जब बरसात होती है तो फिर पानी अपनी जगह बनायेगा ही| अब तालाब में जगह नही बची बरसात का पानी घरों में दाखिल होनें लगा| शहर के बढ़ पुर मन्दिर के पीछे अल्लानगर में भी अधिकतर भवन तालाब में भराव डालकर बनें हैं| कहते हैं पानी अपना रास्ता खुद बना लेता है! लिहाजा घरों में पानी दाखिल हो गया | घर में सामान पानी में उतरा रहें हैं| लोगों के घरों में घुटनों तक पानी हैं|