शिमला में नक्श थिएटर के कलाकारों ने किया कमाल

FARRUKHABAD NEWS

फर्रुखाबाद:(जेएनआई ब्यूरो)हिमांचल प्रदेश की राजधानी शिमला में 6 से 10 जून तक चले 68वें ड्रामा एंड डांस प्रतियोगिता में जिले के नक्श थिएटर के कलाकारों ने धूम मच कर जलवा बिखेर दिया। कलाकारों की बेहतर कामेडियन पर अवार्ड दिया गया। एक्टर, डायक्टर को बेहतर सपोटिंग अभिनेता का प्रथम पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। इससे जिले का नाम रोशन हुआ है। इस कार्यक्रम में राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए थे।
जिले की रंगमंचीय संस्था नक्श थिएटर के कलाकरों ने विश्व प्रसिद्ध गेयटी थिएटर में कामेडी नाटक टैक्स फ्री एंटरटेनमेंट खेल कर खूब धूम मचाई। जिससे दर्शक लोट पोट हुए और जमकर ठहाके लगाते रहे। नाटक का शानदार अभिनय देखकर निर्णायक मण्डल ने परिणाम घोषित कर कलाकारों को बेस्ट कामेडी नाटक कॉन्सलेशन अवार्ड से नबाज़ा। नाटक का निर्देशन कर रहे एक्टर डायरेक्टर अमित सक्सेना को जाने माने फ़िल्म कलाकार रोहितास्व गौर (भाभी जी घर पर हैं के मनमोहन तिवारी) और उनकी पत्नी डॉक्टर रेखा गौर व टीम की ओर से बेस्ट सपोर्टिंग अभिनेता का प्रथम पुरस्कार दिया गया । रोहितास्व गौर ने कहा की हमारी संस्था पिछले 68 वर्षों से लगातार नई प्रतिभाओं को आगे बढ़ाने के लिए इस कार्यक्रम का आयोजन करती चली आ रही है। इस बार ड्रामा एण्ड डांस कंपटीशन में कई राज्यों से कलाकरों ने हिस्सा लिया है। उन्होंने नक्श थिएटर के डायरेक्टर अमित सक्सेना को एक बेहतरीन अभिनेता बताया। शिमला से अवार्ड पाकर लौटे अमित सक्सेना ने बताया कि हमने चन्द्र शेखर फॅसलकर द्वारा लिखित नाटक टैक्स फ्री एंटरटेनमेंट खेला था नाटक का निर्देशन मैने स्वयं किया। नाटक में तीन दिव्यांग व्यक्ति जगताप, मास्टर, पंढरपुर मिलकर द ब्लाइंड मेंस क्लब खोलते हैं, इस क्लब में उन लोगों का मनोरंजन किया जाता है, जो लोग दिव्यांग है। जिन्होंने अपनी आंखों का इस्तेमाल 20 से 30 वर्ष तक किया, लेकिन किसी कारण से वो अंधे हो गए और अब अपने जीवन में निराश हो चुके हैं। इसके बाद यह लोग मिलकर क्लब का एडवरटाइज़मेंट करते हैं और क्लब में सदा शिव काले नाम के एक शक़्स की एंट्री होती है फिर उसके साथ क्लब के बाकी मेम्बर अलग- अलग तरह से मनोरंजन करते हैं। जिसके कारण नाटक में जो घटनाएं घटती है, वो दर्शको को मनोवैज्ञानिक तरह से नाटक के साथ बांध के रखती हैं। मनोरंजन करते- करते अंत मे क्लब के तीनों मेम्बर जगताप,मास्टर और पंढरपुर काले की बली चढ़ा देते है। अंत में नाटक एक भयाभय मोड़ ले लेता है। जिसमें सस्पेंस, भय, थ्रिल, हास्य और रोमांच पैदा होता है । नाटक की समाप्ति एक नए मेंबर की एंट्री के साथ होती है। नाटक के मुख्य पात्र में सदाशिव काले विशाल सिंह बैराइच,पंढरपुर धीरज मौर्या बैराइच,जगताप अमित सक्सेना, मास्टर राज गौरव पाण्डेय, पेंडसे दिलीप कश्यप, सोनावने सत्या, आरजे की भूमिका शैली दिवाकर ने निभाई। म्यूजिक पर शैली दिवाकर, लाइट पर मनोज कश्यप, मेकअप नेहा सक्सेना, ड्रेस सन्ध्या पाण्डेय, बैक स्टेज पार्थवी पाण्डेय, पोस्टर दिलीप कश्यप ने डिजाइन किया ।