फर्रुखाबाद:(नगर संवाददाता) नगर के दुर्गा प्रसाद बद्री प्रसाद उमा०वि० में आयोजित 19 वें मानस सम्मेलन की श्रीराम कथा में वक्ताओं नें ईश्वर की भक्ति से जीवन में मिलने वाले सुखों पर प्रकाश डाला| कहा कि सुख हो या दुःख सभी क्षणों में हमें भगवान को याद करना चाहिये, वर्तमान समय में इन्सान भगवान को दुःख में याद करता है और सुख में भूल जाता है।
श्री रामकथा में वक्ताओं नें कहा कि श्रीराम की कथा हमे सामाजिक, राजनैतिक एवं राष्ट्र के प्रति हमें हमारे दायित्वों का बोध कराती है। मानस की प्रत्येक चौपाई मानव जीवन के लिये कल्याणकारी है। दिल्ली की कथा वाचक शिवांजली मिश्रा ने कहा भगवान को छल-कपट, अहंकार, ईष्या, जलन, मिथ्या आरोप पसन्द नहीं हैं। मानव जीवन में जन्म लेकर अगर हम भगवान का भजन नहीं करते तो हमारा जीवन निरर्थक है। भगवान की पूजा करने के लिये कोई समय निश्चित नहीं होता, जब मन में भगवान के प्रति श्रद्धा हो, भक्ति हो, तभी उसकी पूजा की जा सकती है।
महोबा की राजकुमारी रामायणी ने कहा कि श्रीरामचरित मानस सामाजिक, पारिवारिक सम्बन्धों एवं दायित्वों का ग्रन्थ है। श्रीरामचरित मानस का प्रयोग का ग्रन्थ है, कलयुग में राम का नाम लोक कल्याण का नाम है, राम नाम चाहे उल्टा जपें या सीधा, भक्ति और श्रद्धा मन में होनी चाहिये| हमीरपुर के अरिमर्दन शास्त्री ने कहा कि कलयुग में भगवान का नाम ही आधार है, श्रीराम का नाम जीव के लिये कल्याणकारी है| साधना रामायणी ने मानस के कई प्रसंगों पर विस्तारपूर्वक चर्चा करके कार्यक्रम को भजनमयी बना दिया। राजकुमार रामायणी द्वारा शिव विवाह के पश्चात् रामकथा को विश्राम दिया गया । आचार्य अरविन्द कुमार चतुर्वेदी, आचार्य सर्वेश कुमार शुक्ला ने भी आध्यात्मिक एवं धार्मिक कई बिन्दुओं पर चर्चा करते हुये मानस का महत्व बताया। ढोलक वादक में बांदा के देवेन्द्र सिंह ने सभी को अपनी प्रतिभा से प्रभावित कर दिया, व्यवस्था में संयोजक भारत सिंह, गगन सिंह, राजेश निराला, रवीन्द्र भदौरिया, अनुराग पाण्डेय, डा० बीडी शर्मा, शकुन्तला कनौजिया, राहुल कनौजिया, गिरिराज आदि ने सहयोग किया।