देवोत्थान एकादशी आज, जानें पूजा का शुभ मुहूर्त और महत्व

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डेस्क: देवोत्थान एकादशी आज यानी शुक्रवार को है। इस दिन तुलसी विवाह भी होगा। कई मंदिरों में तुलसी विवाह के कार्यक्रम आयोजित होंगे। विवाह लग्न भी इसी दिन से शुरू हो रहे हैं।
सबसे बड़ी एकादशी
देवोत्थान एकादशी सबसे बड़ी मानी जाती है। एकादशी तिथि श्रीहरि भगवान विष्णु को समर्पित है। कार्तिक मास में शुक्ल पक्ष की एकादशी का विशेष महत्व माना गया है। इस दिन भगवान विष्णु चार माह की लंबी निंद्रा से जागते हैं। इस एकादशी को देवोत्थान हरि प्रबोधिनी एकादशी के नाम से जाना जाता है।
मीन राशि में चंद्रमा होने से बढ़ा महत्व
इस वर्ष देवोत्थान एकादशी चार नवंबर को नक्षत्र, ध्रुव योग व करण तथा मीन राशि चंद्रमा में पड़ने से महत्व अधिक बढ़ गया है। कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी शाम 07: 06 मिनट तक है।देवउठनी एकादशी मुहूर्त

  • देवउठनी एकादशी का पूजा मुहूर्त चार नवंबर दिन शुक्रवार को सुबह 06: 35 से सुबह 10: 40 मिनट तक।
  • लाभ-उन्नति मुहूर्त: चार नवंबर को सुबह 07:50 मिनट से सुबह 09:20 मिनट तक रहेगा।
  • अमृत मुहूर्त: चार नवंबर को सुबह 09:27 मिनट से सुबह 10: 48 मिनट तक रहेगा।
    मांगलिक कार्यों पर लगी रोक आज से समाप्त
    आचार्य सर्वेश कुमार शुक्ल के अनुसार इस वर्ष देवउठनी एकादशी चार नवंबर दिन शुक्रवार को है। देवउठनी एकादशी को चातुर्मास का समापन हो जाता है। इसके साथ ही चार माह से मांगलिक कार्यों पर लगी रोक भी समाप्त हो जाती है विवाह और गृह प्रवेश के शुभ मुहूर्त. शुरू हो जाते हैं।