लखनऊ: उत्तर प्रदेश में अपात्रों को जारी किये गए 8,03,355 राशन कार्डों को निरस्त किये जाने के बाद खाद्य एवं रसद विभाग ने फर्जी राशन कार्डों के सत्यापन के लिए प्रदेशव्यापी अभियान चलाने का निर्देश दिया है। खाद्य आयुक्त सौरभ बाबू ने राशन कार्ड सत्यापन के लिए सभी जिलों को निर्देश जारी कर दिया है।
फर्जी राशन कार्डों को चिन्हित करने की मुहिम के तहत अपात्रों को जारी किये गए 8,03,355 राशन कार्डों को अप्रैल 2021 से अप्रैल 2022 तक निरस्त किया गया है। इस आधार पर खाद्य एवं रसद विभाग को प्रदेश में अंत्योदय व पात्र गृहस्थी राशन कार्डों का कई प्रकार से दुरुपयोग किये जाने का अंदेशा है। अंत्योदय व पात्र गृहस्थी राशन कार्ड का लाभ अपात्र लोगों द्वारा लिए जाने की आशंका है।
यह भी संभावना है कि एक मात्र सदस्य के नाम अंत्योदय कार्ड जारी हो और बाकी लोगों द्वारा पात्र गृहस्थी राशन कार्ड का लाभ लिया जा रहा हो। अंत्योदय व पात्र गृहस्थी राशन कार्डधारक की मृत्यु के बाद भी उसके नाम पर राशन वितरण किया जा रहा हो। कार्डधारक के विस्थापित होने के बावजूद उसके नाम पर किसी अन्य व्यक्ति द्वारा राशन लिया जा रहा हो। अपर खाद्य आयुक्त अनिल कुमार दुबे ने बताया कि जिलाधिकारी की ओर से गठित की जाने वाली सत्यापन टीम में राजस्व, पंचायती राज, नगर निकाय, आपूर्ति विभाग के कर्मचारी शामिल किये जाएंगे। जिलाधिकारी व जिला पूर्ति अधिकारी की ओर से यह अपील भी की जाएगी कि जो कार्डधारक पात्रता की शर्तों को वर्तमान में पूरा न करने के कारण अपात्र हैं, वे स्वयं अपना राशन कार्ड समर्पित कर दें, ताकि उनके स्थान पर नए पात्रों का चयन हो सके। सत्यापन में अपात्र पाये जाने पर निरस्त किये जाने वाले राशन कार्डों से उत्पन्न रिक्ति को आनलाइन लंबित प्रार्थना पत्रों और नए प्रार्थना पत्रों की पात्रता की जांच कर नियमानुसार नया राशन कार्ड जारी किया जाएगा। उन्होंने बताया कि जनवरी 2021 से अप्रैल 2022 तक प्रदेश में 11,64,845 नए परिवारों को राशन कार्ड जारी कर उन्हें राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम-2013 का लाभ भी दिया गया है।