Sunday, December 22, 2024
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बसपा सुप्रीमो ने भतीजे आकाश आनंद को बनाया राष्ट्रीय कोआर्डिनेटर

लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में बहुजन समाज पार्टी की कड़ी हार के बाद पार्टी की मुखिया मायावती ने रविवार को समीक्षा बैठक में कड़ा कदम उठाया है। मायावती ने बसपा उत्तर प्रदेश की पूरी कार्यकारिणी को भंग करने के साथ ही तीन चीफ कोआर्डिनेटर को नियुक्त किया है।
बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने उत्तर प्रदेश बसपा की कार्यकारिणी भंग करने के साथ ही अपने भतीजे आकाश आनन्द को बसपा का राष्ट्रीय कोआर्डिनेटर बनाया है। बसपा सुप्रीमो मायावती ने आकाश आंनद बड़ी जिम्मेदारी दी है।
मायावती ने प्रदेश अध्यक्ष तथा जिला अध्यक्ष को छोड़कर उत्तर प्रदेश बसपा की सारी कार्यकारणी को भंग किया। उन्होंने उत्तर प्रदेश के लिए तीन चीफ कोआर्डिनेटर बनाए हैं। मेरठ के मुनकाद अली, बुलंदशहर के राजकुमार गौतम तथा आजमगढ़ के विजय कुमार को प्रदेश के सभी कोआर्डिनेटर रिपोर्ट करेंगे। यह तीनों सभी कोआर्डिनेटर पर निगाह रखेंगे। इसी के साथ बसपा ने विधायक दल के नेता रहे शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली की घर वापसी भी करा ली है। माना जा रहा है कि गुड्डू जमाली को आजमगढ़ लोकसभा उप चुनाव में बसपा का प्रत्याशी बनाया जाएगा|
उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में 403 सीट में से सिर्फ बलिया की रसड़ा पर जीत मिलने के बाद बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती की चिंता काफी बढ़ गई थी। रविवार को उन्होंने लखनऊ में सभी प्रत्याशियों के साथ ही पार्टी के शीर्ष पदाधिकारियों के साथ लखनऊ में बैठक के दौरान बड़ा कदम उठाया। मायावती ने उत्तर प्रदेश की कार्यकारिणी को भंग कर दिया। इतना ही नहीं तीन चीफ कोआर्डिनेटर की नियुक्ति भी की गई है। अब तीन चीफ कोआर्डिनेटर अन्य कोआर्डिनेटर पर निगाह रखेंगे। मायावती ने बैठक के दौरान ही शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली को आजमगढ़ लोकसभा उप चुनाव के बसपा का उम्मीदवार घोषित किया|
बहुजन समाज पार्टी ने विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी को छोडऩे वाले विधायक दल के नेता शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली को पार्टी में दोबारा शामिल किया है। गुड्डू जमाली विधानसभा चुनाव में आजमगढ़ के मुबारकपुर से एआइएमआइएम के प्रत्याशी थे। एआइएमआइएम के गुड्डू जमाली ही इकलौते प्रत्याशी थे, जिनकी जमानत बची है। अब बसपा उनको आजमगढ़ से लोकसभा के उप चुनाव में उतारने की तैयारी में लगी है। आजमगढ़ लोकसभा की सीट समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव के इस्तीफे के बाद खाली हुई है।
मायावती की अध्यक्षता में बसपा के प्रदेश कार्यालय पर बैठक में सेक्टर प्रभारी, जिलाध्यक्ष, विधानसभा चुनाव के सभी प्रत्याशी, बामसेफ तथा भाईचारा कमेटी के संयोजक भी मौजूद थे। 2007 में 206 सीट के साथ उत्तर प्रदेश में सरकार बनाने वाली बसपा को 2012 में 80 और 2017 में 19 सीट मिली थीं। इसके बाद पार्टी को 2022 में सिर्फ एक सीट मिली है। 2007 में सपा को 97, भाजपा को 51 तथा कांग्रेस को 22 सीट मिली थीं। बसपा का लगातार घटता ग्राफ पार्टी की मुखिया मायावती के लिए बड़ी चिंता का कारण बन रहा है।
विधानसभा चुनाव 2022 के बाद अब बसपा के अस्तित्व को लेकर ही सवाल खड़े होने शुरू हो गए हैं। इस बार के चुनाव में इनका वोट प्रतिशत भी 13 प्रतिशत पर आ गया है। राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा हासिल करने वाली बसपा अपने सबसे बड़े जनाधार वाले प्रदेश यूपी में इस स्तर पर आएगी, पार्टी ने यह सोचा नहीं था। अब मायावती के नेतृत्व और उनके सलाहकारों, रणनीतिकारों पर सवाल उठने शुरू हो गए हैं। इसको देखते हुए दावा किया जा रहा है कि मायावती पार्टी में कई दिग्गजों का कद घटा सकती हैं। इतना ही नहीं लगातार मिलने वाली शिकायतों के आधार पर कई नेताओं को बाहर का रास्ता भी दिखा सकती हैं। मायावती बूथ स्तर के नेताओं से फीडबैक ले रही हैं, जिसमें यह निकल कर सामने आया है कि बड़े नेताओं का उन्हें सहयोग नहीं मिला है।
काडर की लगातार अनदेखी: माना जा रहा है कि मायावती अब भतीजे आकाश आनंद को यूपी में सक्रिय कर सकती हैं। कयास थे कि यूपी चुनाव के दौरान ही आकाश को सामने लाया जाना था। इस दौरान उनको पंजाब और उत्तराखंड तक सीमित रखा गया था। बसपा काडर बेस कार्यकर्ताओं की पार्टी रही है, लेकिन पिछले कुछ वर्ष में लगातार काडर की अनदेखी की गई। कार्यकर्ताओं की इस नाराजगी को दूर करने के लिए मायावती काडर को फिर से शुरू कर सकती हैं और नए सिरे से पार्टी को खड़ा करने की कोशिश करेंगी। बहुजन समाज पार्टी के चुनाव में मात्र एक विधानसभा सीट तक सिमटने को लेकर राजनीति के बड़े पंडित भी काफी हैरान हैं। 403 विधानसभा क्षेत्र में अपने प्रत्याशी उतारने वाली बसपा को सिर्फ बलिया की रसड़ा सीट पर ही जीत मिली । बसपा विधायक दल के नेता रहे उमाशंकर सिंह ने रसड़ा से लगातार तीसरी बार जीत दर्ज की है। पार्टी के खराब प्रदर्शन के कारणों की समीक्षा करने के लिए बसपा प्रमुख मायावती ने बैठक में न केवल एक जीते विधायक बल्कि 402 हारे प्रत्याशियों और पार्टी पदाधिकारियों को भी बुलाया । कारणों की समीक्षा करने के साथ ही वर्ष 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी को नए सिरे से खड़े करने को लेकर मायावती ने रविवार को बसपा प्रदेश मुख्यालय में बैठक बुलाई।

 

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