गाजियाबाद: गाजियाबाद में अगर कोई व्यक्ति अपात्र होकर भी वृद्धावस्था, विधवा, दिव्यांगजन पेंशन का लाभ वर्तमान में ले रहा है तो वह जल्द ही पकड़ा जाएगा। ऐसे व्यक्तियों की तलाश करने और पेंशनरों के सत्यापन के लिए अब अभियान चलाया जाएगा, इस संबंध में शासन स्तर से निर्देश जारी किए जा चुके हैं। इसके साथ ही पेंशनधारकों को अपने बैंक खाते को अपने आधार कार्ड से लिंक कराना भी अनिवार्य होगा।
जिले में 27,800 महिलाओं को विधवा पेंशन, 13 हजार से अधिक को वृद्धावस्था पेंशन और सात हजार से अधिक लोगों को दिव्यांगजन पेंशन के तहत प्रतिमाह के हिसाब से एक-एक हजार रुपये दिए जाते हैं। हर साल वित्तीय वर्ष की शुरुआत के वक्त पेंशनरों के सत्यापन के लिए अभियान चलाया जाता है, जिससे कि यह पता चल सके कि पेंशन लेने वाला कोई व्यक्ति ऐसा तो नहीं है, जो अपात्र है। इसके साथ ही इस पर भी ध्यान दिया जाता है कि किसी ऐसे व्यक्ति के बैंक खाते में तो पेंशन नहीं जा रही है, जिसकी मृत्यु हो चुकी है। यदि ऐसा पाया जाता है तो उस व्यक्ति का नाम पेंशनर की सूची से हटाया जाता है। जिला प्रोबेशन अधिकारी विकास चंद्र ने बताया कि अप्रैल माह में वृद्धावस्था, दिव्यांगजन, विधवा पेंशन का लाभ लेने वाले 47 हजार पेंशनधारकों के सत्यापन का कार्य पूरा करा लिया जाएगा। शहरी क्षेत्र में यह कार्य लेखपाल तो ग्रामीण क्षेत्र में ग्राम पंचायत सचिव और लेखपाल के माध्यम से संपन्न कराया जाएगा।
31 मार्च तक बढ़ाई एकमुश्त समाधान योजना
उधर, उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) ने मेंटीनेंस बकाया वसूली के लिए एकमुश्त समाधान योजना (ओटीएस) की अंतिम तिथि 31 मार्च कर दी है। योजना के तहत अभी तक 900 में से 500 उद्यमी योजना का लाभ ले चुके हैं। जिले के 900 उद्यमियों पर कई वर्षां से यूपीसीडा का मेंटीनेंस का 10 करोड़ रुपये बकाया चला आ रहा था। यूपीसीडा ने दिसंबर 2021 में बकायेदार आवंटियों के लिए ओटीएस को शुरू किया था, जिसकी अंतिम तिथि 20 फरवरी थी। विधानसभा चुनाव के बीच उद्यमियों के योजना के प्रति कम रूझान को देखते हुए इसे बढ़ाकर 21 फरवरी किया गया, जिसमें 900 में से 500 उद्यमियों ने दिलचस्पी ली और बकाया करीब 3.25 करोड़ रुपया जमा कराया। योजना के तहत उद्यमियों को मेंटीनेंस शुल्क में लगने वाले ब्याज पर 50 फीसदी की छूट दी जा रही है। ओटीएस की अंतिम तिथि को बढ़ाकर 31 मार्च किया गया है। इसके बाद आवंटियों पर दस फीसदी अतिरिक्त शुल्क देना होगा। इन उद्यमियों के बकाया जमा न होने पर आवंटन भी रद किए जाएंगे।