Monday, December 23, 2024
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13 फीसदी ब्राह्मण और 23 फीसदी दलित मिले तो बने बसपा सरकार: सतीश मिश्रा

अयोध्या: भगवान राम की नगरी अयोध्या से बहुजन समाज पार्टी के मिशन 2022 की शुरुआत करने वाले पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्र ने गठबंधन को लेकर बड़ा बयान दिया है। अयोध्या में हनुमान गढ़ी तथा श्रीरामलला जन्मभूमि मंदिर में दर्शन-पूजन के बाद मिश्र ने कहा कि बसपा ने तो उत्तर प्रदेश में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए सबसे बड़ा गठबंधन कर लिया है।
बसपा के राष्ट्रीय महासचिव तथा राज्यसभा सदस्य सतीश चंद्र मिश्र ने कहा कि 2022 के उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी जनता से गठबंधन करेगी। सतीष चंद्र मिश्रा ने कहा भगवान श्रीराम तो सबके हैं। हम भी उनका आशीर्वाद लेने आए हैं। कानपुर के बिकरू कांड में विकास दुबे के भतीजे की पत्नी खुशी दुबे की जमानत के बारे में उन्होंने कहा कि हम तो बाराबंकी जेल में बंद खुशी दुबे की हर संभव मदद करेंगे। बहुजन समाज पार्टी विकास दुबे के भतीजे अमर दुबे की नाबालिग विधवा को जमानत दिलवाने को कानूनी लड़ाई लड़ने का मन बना चुकी है।
सतीश चंद्र मिश्र ने कहा कि उत्तर प्रदेश में 13 फीसदी ब्राह्मण और 23 फीसदी दलित मिल गए तो यहां पर बसपा की सरकार बननी तय है। इसके साथ ही बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती पांचवीं बार प्रदेश की मुख्यमंत्री बन जाएंगी। प्रदेश के करोड़ों लोगों ने इससे पहले भी बसपा के शासन काल में सर्वसमाज की प्रगति देखी है और प्रदेश में कानून-व्यवस्था को भी सराहा है। बहुजन समाज पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्र ने कहा कि ब्राह्मण समाज जिधर घूम जाएगा उसकी सरकार बना देगा। उत्तर प्रदेश का ब्राह्मण समाज बीते दस वर्ष से उपेक्षित है। बहुजन समाज पार्टी अब उसे सम्मान दिलाएगी। अयोध्या में हम अपने आराध्य भगवान श्रीराम के पास आए हैं। अब अगले दौर में हम वाराणसी में श्रीकाशी विश्वनाथ का दर्शन करने के साथ ही प्रयागराज जाकर पुण्य धरती को नमन करेंगे।
बहुजन समाज पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्र ने कहा कि ब्राह्मण समाज जिधर घूम जाएगा उसकी सरकार बना देगा। उत्तर प्रदेश का ब्राह्मण समाज बीते दस वर्ष से उपेक्षित है। बीजेपी और सपा ने ब्राह्मणों को छोड़ दिया, लेकिन मायावती ने ब्राह्मण समाज को नहीं छोड़ा। बीजेपी में ब्राह्मण समाज के लोगों को झोला और गुलदस्ता उठाने के लिए मंत्री बनाया गया है। बहुजन समाज पार्टी अब उसे सम्मान दिलाएगी। अयोध्या में हम अपने आराध्य भगवान श्रीराम के पास आए हैं। अब अगले दौर में हम वाराणसी में श्रीकाशी विश्वनाथ का दर्शन करने के साथ ही प्रयागराज जाकर पुण्य धरती को नमन करेंगे।
सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा कि भगवान श्रीराम भाजपा को सद्बुद्धि दें जिससे कि वह दमन का रास्ता छोड़कर लोगों के साथ न्याय करे। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया जानती है कि बहन मायावती के मुख्यमंत्री के कार्यकाल में उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था बेहद दुरुस्त रहती है। बसपा की 29 जुलाई तक प्रदेश के पांच जिलों में प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन आयोजित कराने की योजना है। इसके संयोजक सतीश चंद्र मिश्र हैं। इस आयोजन को बसपा का ब्राह्मणों मुख्य मंच पर लाने का बड़ा प्रयास माना जा रहा है।
राज्य सभा सदस्य सतीश चंद्र मिश्र ने कहा कि पांच अगस्त को राम मंदिर का भूमि पूजन हुआ था। उस दिन ब्राह्मणों ने सवाल उठाए थे कि यह तारीख किसने बताई। ऐसा अशुभ दिन चुना जिससे काम ही नहीं हो पा रहा है। एक वर्ष बाद भी मंदिर की नींव भी नहीं बन पा रही है। मंदिर बनेगा या नहीं, यह आज भी बड़ा प्रश्न है। उन्होंने आगे कहा कि अगर उत्तर प्रदेश में ब्राह्मण समाज के लोग इकट्ठा हो गए तो 2022 में बसपा की पूर्ण बहुमत की सरकार बनेगी। 2022 में बसपा की सरकार बनेगी तो इन्होंने राम मंदिर के लिए जो पैसे इकट्ठा किए हैं, हम इन्हेंं मजबूर करेंगे कि राम मंदिर बनाएं। राम मंदिर का निर्माण कार्य भी बसपा की सरकार में ही होगा।सतीश चंद्र मिश्र ने कहा कि उत्तर प्रदेश के ब्राह्मण समाज के लोगों से आह्वान है कि अगर आप परशुराम जी के वंशज हैं तो डर निकालिए। आप तिलक लगाते हैं और जनेऊ पहनते हैं। कान्यकुब्ज और सरयूपारी ब्राह्मण का अंतर भूला दीजिए। उत्तर प्रदेश में दलित और ब्राह्मण समाज पर अत्याचार हो रहे हैं।
सतीश चन्द्र मिश्रा ने गोष्ठी में शामिल होने से पहले राम जन्म भूमि जाकर राम लला के दर्शन किए। इस दौरान उनके साथ उनका परिवार भी मौजूद रहा। इसके बाद उन्होंने रामकोट बैरियर पर स्थित प्राचीन जगन्नाथ मंदिर में पीठाधीश्वर राघव दास से आशीर्वाद लिया। यहां से वह हनुमान गढ़ी पहुंचे और यहां पूजन अर्चन किया। इसके बाद उन्होंने सरयू पूजन किया। सरयू में आचमन के दौरान सतीश चंद्र मिश्रा ने सवा कुंटल दूध से दुग्धाभिषेक किया। इसके बाद वह अयोध्या से ताराजी रिसार्ट कार्यक्रम स्थल पहुंचे।
महंत संजय दास बोले- सभी भक्तों की है हनुमानगढ़ी
अयोध्या के हनुमानगढ़ी में अखाड़ा परिषद के पूर्व अध्यक्ष महंत ज्ञानदास के उत्तराधिकारी संजय दास की अगुवाई में बसपा के नेता सतीश चंद्र मिश्रा का स्वागत किया गया। महंत संजय दास ने कहा कि हनुमानगढ़ी सभी भक्तों की है। जो भी यहां आएगा, हम सभी का स्वागत करते हैं। हमें राजनीति से कोई मतलब नहीं है। सतीश मिश्रा नियमित पूजा पाठ करने वाले लोगों में से हैं और बड़ी संख्या में लोगों का नेतृत्व करते हैं। इसलिए हम उनका स्वागत करते हैं।
ब्राह्मण सम्मेलन की जगह अब बसपा विचार संगोष्ठी होगी
अयोध्या में आज से होने वाले विशाल ब्राह्मण सम्मेलन में बड़ा उलटफेर हुआ है। विशाल ब्राह्मण सम्मेलन की जगह अब बसपा विचार संगोष्ठी होगी। हाईकोर्ट के एक अधिवक्ता द्वारा जिला प्रशासन से की गई शिकायत और न्यायालय की एडवाइजरी के बाद बसपा ने कार्यक्रम की रूपरेखा बदल दी है। प्रशासन ने कहा कि इसमें केवल 50 लोगों के शामिल होने की अनुमति है।
दोहराव चाहती है बसपा
ब्राह्मण समाज को फिर से जागरूक करके बसपा 2007 के उसी को दोहराना चाहती है। पार्टी का दावा है कि ब्राह्मणों का हित सिर्फ बसपा सरकार में ही सुरक्षित रह सकता है। बहुजन समाज पार्टी ने इस बार ब्राह्मणों को जोडऩे वाले समारोह का नाम प्रबुद्ध वर्ग विचार गोष्ठी रखा है। पहली गोष्ठी शुक्रवार को अयोध्या में होगी। राज्यसभा सदस्य के रूप में अपना लगातार कार्यकाल पूरा करने की ओर अग्रसर महासचिव मिश्र रामनगरी पहुंचकर सबसे पहले हनुमान गढ़ी में बजरंगबली का दर्शन करेंगे।
वहां से रामजन्मभूमि जाकर प्रभु रामलला का आशीर्वाद लेंगे। इसके बाद दोपहर 12 बजे तारा रिसार्ट में होने वाली प्रबुद्ध वर्ग गोष्ठी में पहुंचकर ब्राह्मणों का आशीष लेंगे। सतीश चंद्र मिश्र ने बताया कि ब्राह्मण समाज के लोग अपने मान-सम्मान, सुरक्षा व तरक्की के लिए फिर से बसपा से जुड़कर सूबे में लोकप्रिय सरकार बनवाएंगे। उन्हें ऐसा विश्वास है। उनका कहना है कि यूपी में जातिगत व धार्मिक द्वेष की भावना से शोषण किया जा रहा है। इससे प्रबुद्ध वर्ग आहत है। उन्होंने बताया कहा कि फिलहाल 29 जुलाई तक का कार्यक्रम तय है। वैसे विचार गोष्ठियां प्रदेश के हर एक जिले में कर बड़ी संख्या में लोगों को पार्टी से जोड़ा जाएगा।
राम की शरण में बसपा, भरोसा ‘ब्राह्मण ही ब्रह्मास्त्र’
सत्ता का 14 वर्ष का वनवास खत्म करने के लिए बसपा अनूठे अंदाज में चुनावी बिगुल फूंकने जा रही है। ब्राह्मणों को साथ जोड़कर 2007 में सत्ता के ङ्क्षसहासन तक पहुंची बसपा को पूरा भरोसा है कि ब्राह्मण ही उसके लिए फिर ब्रह्मास्त्र हो सकते हैं। सोच का समीकरण कुछ यूं है कि उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव- 2022 में दलित-ब्राह्मण की जोड़ी मुस्लिम को भी भरोसा दिला सकती है कि हाथी में जीतने का दम है। सोशल इंजीनियरिंग का बसपा का यह दांव बेशक पुराना है, लेकिन खास बात यह है कि बसपा मुखिया मायावती भी अब भगवान राम की शरण में हैं।
प्रबुद्ध वर्ग गोष्ठी के जरिए ब्राह्मणों को जोडऩे की मुहिम पार्टी शुक्रवार को अयोध्या से ही शुरू करने जा रही है। बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री मायावती इधर लगातार ब्राह्मण समाज को अपनत्व का संदेश देने का कोई मौका छोड़ नहीं रहीं और साथ आने का न्योता भी दे रही हैं। उनका आरोप है कि यूपी में भाजपा की सरकार बनवाने के बाद ब्राह्मण अब पछता रहे हैं। उन्हें साधने के लिए बसपा ने फिर से अपने राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्र को आगे किया है। दरअसल, वर्ष 2007 के चुनाव के पहले ब्राह्मण सम्मेलनों से ऐसा माहौल बना था कि बसपा के टिकट से सबसे अधिक ब्राह्मण विधानसभा पहुंचने में सफल हुए थे।
इन जिलों में बसपा का प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन
तारीख             जिला
24-25 जुलाई    अंबेडकरनगर
26 जुलाई          प्रयागराज
27 जुलाई          कौशांबी
28 जुलाई          प्रतापगढ़
29 जुलाई          सुलतानपुर।

 

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