फर्रुखाबाद:(जेएनआई ब्यूरो) पाकिस्तान पर शानदार विजय के 50 वर्ष पूरे होने पर बीते दिन फतेहगढ़ पहुंची स्वर्णिम विजय मशाल ने भारतीय सैनिकों की 1971 की शौर्य गाथा की याद दिला दी। स्वर्णिम विजय मशाल को देखकर मोर्चे पर दुश्मनों के दांत खट्टे करने वाले वीर सैनिकों और युद्ध में शहीद हुए परिजनों के सिर गर्व से ऊंचे हो गए। सभी ने गर्मजोशी से ऐतिहासिक स्वर्णिम विजय मशाल का स्वागत किया। इसके साथ ही रंगारंग कार्यक्रमों में वीर सैनिको की शान में चार चाँद लगा दिये|
स्वर्णिम विजय मशाल के सम्मान में फतेहगढ़ के करियप्पा मैदान में सेना के भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया| जिसमे मुख्य अतिथि के रूप में पंहुचे राजपूत रेजिमेंट के कमान्डेंट ब्रिगेडियर इंद्र मोहन परमार नें शहीद स्मारक पर पुष्प चक्र चढाया| इसके बाद मैदान में पूरे आन-बान और शान के साथ स्वर्णिम विजय मशाल का आगमन हुआ| जिसे सभी नें सलामी दी| इसके बाद उसे मैदान में ही स्थापित किया गया| एनसीसी कैडेट्स ने 1971 के युद्ध का नाटक के माध्यम से मंचन किया गया|
छात्रों ने युद्ध से सम्बन्धित पेंटिग बनाकर उनकी प्रदर्शनी लगायी गयी| जिसमे छाबनी परिषद कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय फतेहगढ़, केन्द्रीय विद्यालय, आर्मी पब्लिक स्कूल की छात्राओं नें हिस्सा लिया| सिखलाइट रेजिमेंट के ब्रास बैंड व फतेहगढ़ राजपूत रेजीमेंट सेंटर के पाइप बैंड नें देश भक्ति के तरानों पर वीर जवानों को सलामी दी| पेंटिंग प्रतियोगिता में अब्बल आने वाले प्रतिभागियों को ब्रिगेडियर, डीएम मानवेन्द्र सिंह व पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार मीणा आदि द्वारा पुरस्कृत किया गया|
ब्रिगेडियर इंद्र मोहन परमार नें कहा कि 1971 के भारत-पाक युद्ध में भारतीय सेना के शौर्य और पराक्रम के आगे पाक के 93 हजार सैनिकों नें आत्मसमर्पण किया था| यह जीत इतिहास के पन्नों में स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज है| जिसे हमेशा याद किया जायेगा| उन्होंने कहा कि हमारे पूर्वज से आज के सैनिक सीख ले रहें हैं| उन्होंने कहा की 1971 के युद्ध की जीत अब तक की सबसे बड़ी कामयाबी है|
इस दौरान कर्नल संदीप, सीओ ट्रेनिंग कर्नल अमित कुमार सिंह, सेंटर एसएम अरिमर्दन सिंह, लेफ्टिनेंट कर्नल मुनेद्र सिंह, सर्वेश यादव, हबलदार सहीराम गुर्जर, एसडीएम सदर अनिल कुमार, सीओ सिटी राजवीर सिंह आदि रहे|