फर्रुखाबाद:(जेएनआई ब्यूरो) प्राकृतिक चिकित्सा दिवस के अवसर पर आयुष मंत्रालय भारत सरकार के द्वारा आयोजित जागरूकता गोष्ठी में आम जनमासनस को प्राकृतिक के प्रति जागरूक किया गया| गोष्ठी में बताया गया कि आम आदमी के जीवन में प्राकृतिक चिकित्सा एवं योग का अहम महत्व है। कई देश इस चिकित्सा प्रणाली को अपना रहे हैं। इस दिशा में बहुत काम करने की जरूरत है।
फतेहगढ़ के राजकीय बालिका इंटर कालेज में आयोजित गोष्ठी में भोपाल मध्यप्रदेश के संत हिरदास मेडिकल कालेज के मुख्य वक्ता और प्रशिक्षक डॉ० रमेश टेवानी नें सभी को (नेचरोपैथी) से अवगत कराया| उन्होंने कहा कि प्राचीन काल में ऋषि मुनियों के ज्ञान पर आधारित प्राकृतिक चिकित्सा जन कल्याण करने वाली अनुभूति चिकित्सा है। जिसका स्वानुभव के द्वारा ही स्वास्थ्य लाभ लिया जा सकता है। इसके लिए योग्य एवं अनुभवी प्राकृतिक चिकित्सकों के अलावा संबंधित साहित्य का स्वाध्याय जरूरी है। उन्होंने नेचुरोपैथी के विषय में बताते हुए सूर्य स्नान इसके प्राकृतिक लाभ, नेचुरोपैथी दिवस कैसे और क्यों बनाया जाए पर चर्चा की|
गोष्टी में कहा गया कि आयुर्वेद एवं प्राकृतिक चिकित्सा दोनों ही एक दूसरे की पूरक हैं। आयुर्वेद औषधियों एवं जड़ी बूटियों पर आधारित है। जबकि प्राकृतिक चिकित्सा प्रकृति के नियमों के आधारभूत सरल व सुलभ है। सीडीओ डॉ० राजेन्द्र पैंसिया, सीएम्ओ वन्दना सिंह आदि अफसर मौजूद रहे|