फर्रुखाबाद:(नगर प्रतिनिधि) नगरपालिका में विकास की गंगा इस कदर वही कि उसकी बाढ़ में आम जनता की गाढ़ी कमाई भी पानी में वह गयी| लाल दरवाजे का झरना बीते चार साल में चार महीने भी ठीक से नही चला| लेकिन वजट लाखों में खर्च हो गया|
दरअसल लाल दरवाजे पर 25 अगस्त 2016 को पालिकाध्यक्ष वत्सला अग्रवाल नें जर्जर फब्बारे का जीर्णोद्धार कराकर उसको रंगीन फब्बारे में तब्दील किया गया| जिसमे लाखों का वजट खर्च हुआ|पहले रंगीन पानी से नगर में निकलने वाले लोगों को एक मनमोहक अहसास कराने वाला झरना अब बदरंग हो गया है| हो क्या गया है ही| संचालन के कुछ महीनों बाद से उसमे ना पानी निकला ना रोशनी|
बीते 6 मार्च को 2019 को जेएनआई नें जब झरने की बत्तर हालत की खबर प्रकाशित की थी तो उसके बाद उसकी रिपेयरिंग करायी गयी| लेकिन वह रोशनी फिर भी नही दे सका| कुछ दिन पानी झरने से निकलने के बाद अब वह केबल ढांचा बनकर रह गया है|
ईओ रविन्द्र कुमार ने जेएनआई को बताया कि फब्बारे का मोटर खराब है| जिसको ठीक कराने के निर्देश ठेकेदार को दिये गये है| लगभग सप्ताह भर में मोटर आने की सम्भावना है| जिसके बाद उसे ठीक कराया जायेगा|