फर्रुखाबाद: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली उत्तर प्रदेश की सरकार नें मंगलवार को विधानमंडल के दोनों सदनों में वित्तीय वर्ष 2020-21 का बजट पेश किया। मंत्री परिषद ने कैबिनेट की बैठक में लगभग 5.25 लाख करोड़ रुपए के बजट को मंजूरी दी है। लेकिन सपा, बसपा और कांग्रेस ने बजट को नकार दिया| लेकिन भाजपा नें वजट को जनहित में बताया|
सपा अल्पसंख्यक मोर्चा के पूर्व प्रदेश सचिव सरदार तोषित प्रीत नें कहा कि योगी सरकार का के बजट से बेहतर अखिलेश सरकार ने बजट पेश किया था| जो युवाओं को 2500 दे रहे हैं उससे क्या होगा| सरकार की कथनी और करनी में बहुत फर्क है| जहां गंगा की बात की जा रही, वह सबको पता है की गंगा कितनी स्वच्छ है| यह बजट नहीं छलावा है|
पूर्व सयुस जिलाध्यक्ष जितेन्द्र यादव (सिरोली वालों) नें बताया कि ये बजट निरशा जनक है| इस बजट में किसानों, नौजवानों व छात्रों का ख्याल नही रखा गया| इस बजट से प्रदेश के लोगों को बहुत उम्मीदें थीं पर ऐसा नहीं हुआ|
कांग्रेस के पूर्व प्रदेश सचिव कौशलेन्द्र सिंह यादव नें बजट पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की|जिसमे उन्होंने कहा कि यह वजट सपा-भाजपा की मिली भगत है| इटावा के सैफई मेडिकल कालेज के लिए 309 करोंड का वजट देना इसका एक उदाहरण है| बजट नें आम जनता को निराश किया है|
बसपा जिलाध्यक्ष सत्यपाल जाटव नें बताया कि बजट के नाम पर सरकार नें छलावा किया है| वजट में विकास की बात नही है| प्रदेश की जनता के हाथ मायूसी लगी है| उन्होंने कहा कि यूपी सरकार के आज के बजट में जो भी बड़े-बड़े दावे तथा वादे किए गए हैं वह सभी पिछले अनुभवों के आधार पर काफी खोखले व कागजी ही ज्यादा लगते हैं।
व्यापारी नेता राजू गुप्ता नें बताया कि सरकार नें बेरोजगारों के लिए बेहतर वजट दिया है| जिसमे 2500 रूपये मासिक प्रशिक्षण भत्ता देनें की योजना सराहनीय है| जिससे बेरोजगारों और युवाओं को बल मिलेगा|
भाजपा जिलाध्यक्ष रुपेश गुप्ता नें बताया कि सरकार नें ऐतिहासिक वजट पेश किया है| आम और खास सभी का ध्यान रखा गया है| पर्यटन, महिला सुरक्षा, रोजगार,चिकित्सा व विकास को लेकर बजट आया है| इस बजट से यूपी की जनता को बेहतर लाभ होनें वाला है|