व्यक्ति को काम, क्रोध, मद लोभ, मोह के समुद्र से बाहर निकलने की जरूरत

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फर्रुखाबाद: नगर के आढ़तियान मिर्चीलाल फाटक में चल रहे मानस सम्मेलन के तीसरे दिन मानस विद्वानों ने रामदूत हनुमान की भक्ति को सार्थक बताया जो भी श्रीराम की भक्ति में डूब जाता है उसका बेड़ा पार हो जाता है। श्रीराम द्वारा निशाद उद्वार पर भी चर्चा की।
राम कथा में जालौन से आये ईश्वरदास ब्रहमचारी ने हनुमान जी प्रसंग पर बोलते हुए कहा जिसका श्रीराम से सम्बन्ध हो जाता है उसे पाँच का आर्शीवाद मिलता है श्रीराम से विमुख होने पर पत्नी भी साथ छोड़ जाती है। रावण ने गीध के पंख काटकर मरणासन्न कर दिया तो उन्हे श्रीराम ने थाम लिया। हमें काम, क्रोध, मद लोभ, मोह रुपी समुद्र को हमे पार करना होगा।
बाँदा से आये मानस विद्वान यज्ञेश मिश्रा ने हनुमान की की श्रीराम के प्रति भक्ति पर प्रकाश
डाला|  संचालन रामेन्द्रनाथ मिश्र व ब्रज किशोर सिंह ने किया।
राधेश्याम गर्ग, दिवाकर लाल अग्निहोत्री, आलोक गौड़, कुसुम गौड़, अशोक रस्तोगी, सुजीत पाठक बन्टू, अपूर्व पाठक, रमेश चन्द्र त्रिपाठी, भारत सिंह, संयोजक डाॅ0 रामबाबू पाठक के सानिध्य में चल रही|