फर्रुखाबाद: रविवार को 31 वें मानस सम्मेलन का नगर के मोहल्ला अढ़तियान स्थित मिर्चीलाल फाटक में मितेश अग्रवाल ने सूर्य पूजन के साथ मानस सम्मेलन का शुभारम्भ किया।
सम्मेलन में पंहुचे रामानन्द सरस्वती ने कहा कि जब भगवान की अनुकम्पा होती है तभी रामकथा का सत्संग होता है। सन्त भरत चैतन्य ने कहा कि राम के नाम से कोई मुक्त नहीं हो सकता। जन्म से मरण तक राम का नाम जीवन के साथ-साथ चलता है। बिना राम के नाम के कल्याण सम्भव ही नहीं है। उन्होंने कहा अपनी आत्मा में परमात्मा को स्थापित करो। किसी एक देवता को मानो और उसी के स्वरूप का ध्यान करो। अपनी आत्मा में किसी अन्य को न आने दो।
डॉ.रामबाबू पाठक ने कहा कि हनुमान जी भगवान श्रीराम के बाण हैं। मन्दोदरी ने रावण से कहा लक्ष्मण ने सीता की रक्षा के लिए एक रेखा खींची तुम उसे ही पार नहीं कर पाये। डॉ.पाठक ने कहा श्रीराम का अभ्यास बचपन से करना चाहिए, बुढ़ापे तक काम आता है। यज्ञेय मिश्रा, प्रेम दास, गजेन्द्र सिंह, लीला भारती, अरूण गोस्वामी ने प्रवचन किये। इस मौके पर दिवाकर लाल, राधेश्याम गर्ग, अशोक रस्तोगी, आलोक गौड़, वीके श्रीमाली, कुसुम गौड़, सुजीत पाठक, अपूर्व पाठक, आदि लोग मौजूद रहे।