शिवपाल बोले सपा में राष्ट्रीय स्तर की जिम्मेदारी न मिली तो थाम सकता दूसरी पार्टी का हाथ

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कन्नौज:सपा नेता व पूर्व मंत्री शिवपाल सिंह यादव ने एक बार फिर बागी तेवर दिखाते हुए कहा कि पार्टी में राष्ट्रीय स्तर की जिम्मेदार नहीं दी गई तो दूसरा रास्ता अपनाएंगे। बड़ी बात नहीं कि वह दूसरी पार्टी का भी दामन थाम लें। उन्होंने प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ की तारीफ भी की।
शनिवार को आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे से शिवपाल का काफिला इटावा जा रहा था, लेकिन फगुहा भ_ा में एक्सप्रेस-वे से नीचे उतरकर तिर्वा पहुंच गया। यहां प्लाजा मार्केट स्थित भूमि विकास बैंक में पहुंचकर उन्होंने प्रेसवार्ता की। उन्होंने कहा कि सपा में आधा जीवन गुजर गया, अब पार्टी में राष्ट्रीय स्तर की जिम्मेदारी नहीं मिली तो बगावत भी कर सकते हैं।
शिवपाल बोले, ठठिया से निकलने वाली साइकिल यात्रा में वह नजर नहीं आएंगे क्योंकि न तो इसकी जानकारी मिली और किसी ने बुलाया भी नहीं है। इसके बाद योगी आदित्यनाथ की तारीफ करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री तो ईमानदार हैं लेकिन पार्टी के लोग भ्रष्टाचार फैला रहे हैं। इससे जनता परेशान हो गई है।
हालांकि इसके पहले एक न्यूज चैनल से हुई बातचीत में सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने परिवार के अन्तर्कलह व टूटने के सवाल पर कहा था कि किसी का भी परिवार नहीं टूटना चाहिए। हमारा परिवार भी नहीं टूटा। अखिलेश ने कहा कि कुर्सी थी तो झगड़ा था। अब कुर्सी नहीं तो कोई झगड़ा नहीं। शिवपाल के बारे में उ न्होंने कहा था कि अब कोई मनमुटाव नहीं है। हम होली पर मिले थे। मैंने उनके पैर छुए और उन्होंने मुझे आशीर्वाद दिया था। चाचा रामगोपाल यादव के जन्म दिन पर भी उन्होंने आशीर्वाद दिया था। हम उन्हें 2022 में राज्यसभा भेजने के लिये प्रतिबद्ध हैं।
इसके पहले भी शिवपाल लगातार अखिलेश को नसीहत देते रहे हैं अभी हाल ही में उन्होंने कहा था कि युवा पीढ़ी अब किसी की नहीं सुनती है। उन्होंने कहा था कि ‘‘अगर बड़ों की बात मानी गई होती तो आज प्रदेश में सपा की सरकार होती और अखिलेश मुख्यमंत्री होते और बिहार में भी सपा सरकार बनी होती। इसलिए हमारी नीचे स्तर तक के पदाधिकारियों के लिए यही सलाह है कि आपस में सभी एकजुट रहें और लोगों को भी एकजुट करें।’’
शिवपाल ने अखिलेश द्वारा बसपा से गठबंधन की कोशिशों के औचित्य से संबंधित सवाल पर कहा कि वह पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष की सूझबूझ पर कोई सवाल नहीं उठाना चाहते. वह पार्टी के हित में सभी लोगों को एकजुट रखना चाहते हैं।