मुन्ना बजरंगी हत्याकांड: बंदियों के मुंह ना खोलने से जांच धीमी

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बागपत:माफिया डॉन प्रेम प्रकाश सिंह उर्फ मुन्ना बजरंगी की बागपत जिला जेल में हत्या की जांच में सरकार भले ही तेजी दिखाए, लेकिन विवेचना के दौरान कोई भी बंदी इस हत्याकांड पर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है। मुन्ना बजरंगी की हत्या के बाद सुनील राठी को फतेहगढ़ सेंट्रल जेल शिफ्ट कर दिया गया।
मुन्ना बजरंगी हत्याकांड की विवेचना गति नहीं पकड़ रही है। बागपत जेल में हर कोई वारदात की जानकारी देने से बच रहा है। पुलिस के मुताबिक किसी ने इस वारदात के दौरान खुद को उस वक्त सोया हुआ बताया तो किसी ने बाथरूम में होना। पुलिस अब तक करीब 175 लोगों से पूछताछ कर चुकी है। केस डायरी में बयान सिर्फ 50-60 के ही दर्ज हुए हैं।
झांसी जेल से बी-वारंट पर अदालत के लिए लाए गए पूर्वांचल के माफिया डॉन मुन्ना बजरंगी को आठ जुलाई की रात बागपत जेल में दाखिल किया गया था। नौ की सुबह ही उसकी गोलियों से भूनकर सुनील राठी ने हत्या कर दी। राठी की निशानदेही पर जेल के सेफ्टी टैंक से पिस्टल, दो मैग्जीन व 22 कारतूस बरामद कर पुलिस ने जांच के लिए आगरा लैब में भेज दिया था। पुलिस तभी से ही केस की विवेचना में लगी हुई है।
जेल के स्टाफ और बंदियों से पूछताछ कर रही है। अभी करीब 175 लोगों से पूछताछ हो चुकी है। केस के विवेचक एवं खेकड़ा थानाध्यक्ष एसपी सिंह का कहना है कि अभी 50-60 बंदी व अन्य लोगों के बयान दर्ज किए गए हैं। अधिकांश लोगों ने घटना के संबंध में जानकारी होने से इन्कार किया है। वहीं बजरंगी की पत्नी सीमा ङ्क्षसह को भेजे गए नोटिस का जबाव आने के बाद अब पुलिस ने उसके बयान लेने की तैयारी शुरू कर दी है।
इसके लिए पुलिस उससे फोन पर संपर्क करने में लगी हुई है। केस के विवेचक एसपी सिंह का कहना है कि अभी फोन पर इस संबंध में वार्ता नहीं हो पा रही है। सीमा सिंह ने पुलिस को लिखकर भी दिया है कि पुलिस लखनऊ आकर उसका बयान ले।