फर्रुखाबाद: डायरिया से बच्चों की होने वाली मौतों की रोकथाम के लिए जिले में रोटावायरस वैक्सीन को जुलाई माह के अंत तक नियमित टीकाकरण कार्यक्रम में शामिल किया जाएगा| जिसका मंगलवार को प्रशिक्षण दिया गया|
शहर के एक होटल में एक जिला स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया| जिसमें सभी ब्लाकों के प्रभारी चिकित्साधिकारी,ब्लाक कार्यक्रम प्रबंधक,स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी एवं एएनएम को वैक्सीन के बारे में जानकारी दी गयी|
सीएमओ डॉ० अरुण कुमार ने बताया कि यह वैक्सीन रोटावायरस के कारण होने वाले गंभीर दस्त से सुरक्षा प्रदान करेगी| भारत सरकार ने नियमित टीकाकरण कार्यक्रम में रोटावायरस वैक्सीन को देश में चरणबद्ध तरीके से शामिल किया है| अब तक रोटावायरस वैक्सीन को दो चरणों में देश के 10 राज्यों में ;हरियाणा,हिमाचल प्रदेश,आंध्रप्रदेश,ओडिशा,असम,राजस्थान,मध्यप्रदेश,तमिलनाडु,त्रिपुरा और झारखंड में सफलतापूर्वक लागू किया जा चुका है| तृतीय चरण में उत्तर प्रदेश में भी टीकाकरण सत्रों के माध्यम से बच्चों को यह वैक्सीन दी जायेगी|
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ० अनुज त्रिपाठी ने कहा कि रोटावायरस वैक्सीन को नियमित टीकाकरण कार्यक्रम में जुलाई अंत तक शामिल करने की योजना है| बच्चों को रोटावायरस वैक्सीन की पांच बूंदे जन्म के 6 से 10 और 14 हफ्ते की आयु पर पिलाई जायेंगी साथ ही उन्होंने बताया कि यह वैक्सीन एक वर्ष तक के बच्चों को ही पिलाई जायेगी|
अभी तक रोटावायरस वैक्सीन प्राइवेट अस्पतालों एवं मेडिकल स्टोर्स में काफी महंगे दामों पर उपलब्ध थी| इसलिए सभी के लिए यह वैक्सीन सुलभ नहीं थी| किन्तु अब सरकार द्वारा इसे नियमित टीकाकरण में शामिल करके निशुल्क उपलब्ध कराया जा रहा है| यह वैक्सीन एएनएम के द्वारा टीकाकरण सत्रों के माध्यम से एक वर्ष तक के सभी बच्चों को दी जाएगी| रोटावायरस वैक्सीन बच्चे को होने वाले दस्त के एक महत्वपूर्ण कारण से सुरक्षा प्रदान करती है| बच्चे को रोटावायरस वैक्सीन की खुराक के बाद भी अन्य कारणों से होने वाले दस्त हो सकते हैं|
क्या है रोटावायरस
रोटावायरस एक अत्यधिक संक्रामक वायरस है| यह वच्चों में दस्त पैदा करने का सबसे बड़ा कारण है| जिसके कारण बच्चे को अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ सकता है या बच्चे कि मृत्यु भी हो सकती है|
क्या है रोटावायरस के लक्षण
रोटावायरस संक्रमण की शुरुआत हल्के दस्त से होती है| जो आगे जाकर गंभीर रूप ले सकता है| पर्याप्त इलाज न मिलने के कारण शरीर में पानी व नमक की कमी हो सकती है तथा कुछ मामलों में बच्चे की मृत्यु भी हो सकती है |
रोटावायरस संक्रमण में गंभीर दस्त के साथ.साथ बुखार और उल्टियाँ भी होती हैं| और कभी कभी पेट में दर्द भी होता है| दस्त एवं अन्य लक्षण लगभग 3 से 7 दिनों तक रहते हैं|
क्या कहते हैं आंकड़े
भारत में बच्चों की होने वाली कुल मौतों में से सबसे अधिक मौतें डायरिया के कारण होती हैं ॅभ्व् के आंकड़ों के अनुसार भारत में 5 वर्ष तक के बच्चों की होने वाली मौतों में 10 प्रतिशत मौतें डायरिया के कारण होती हैं 1 द्य यानि भारत में लगभग 1 लाख 20 हजार बच्चे प्रतिवर्ष डायरिया से मर रहे हैं 2 द्य
भारत में जो बच्चे दस्त के कारण अस्पताल में भर्ती होते हैं उनमें से 40 प्रतिशत बच्चे रोटावायरस संक्रमण से ग्रसित होते हैं द्य यही कारण है कि भारत में लगभग 32 लाख 70 हजार बच्चे अस्पताल की ओ०पी०डी० में आते हैं जिसमें से लगभग 8 लाख 72 हजार बच्चे अस्पताल में भर्ती किये जाते हैं तथा प्रतिवर्ष 78 हजार बच्चों की मृत्यु हो जाती है जिनमें से 59 हजार मृत्यु ऐसे बच्चों की होती है जिनकी उम्र मात्र दो वर्ष ही होती हैए 3 यानि कि 2 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में रोटावायरस होने का खतरा अधिक रहता है द्य
कार्यशाला में अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ० दलवीर सिंह,डॉ०राजीव शाक्य, डॉ दीपेन्द्र अवस्थी वैक्सीन एंड कोल्ड चैन मैनेजर मानव शर्मा, डब्लूएचओ मॉनिटर शबाब रिजवी आदि लोग उपस्थित रहे|
राष्ट्रीय नशा निरोधक दिवस पर प्रचार वाहन किया रवाना
राष्ट्रीय नशा निरोधक दिवस पर सीएमओ डॉ० अरुण कुमार ने हरी झंडी दिखाकर प्रचार वाहन को रवाना किया| साथ ही तम्बाकू से होने वाले रोगों के विषय में भी जानकारी दी| डॉ० दलवीर सिंह, सूरज दुबे, प्रभाकर वर्मा आदि रहे|