फर्रुखाबाद:(दीपकशुक्ला)आरबीआई की शर्तें शादी वाले परिवारों पर भारी पड़ रही हैं। शादी का सारा बंदोबस्त इन शर्तों में उलझकर रह गया है। सरकारी कर्मचारियों के लिए भी मुसीबत कम नहीं है। उन्हें भी बैंकों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं, लेकिन कोई राहत नहीं मिल रही। जिसके चलते शर्तो के बंधन खोलने में शायद ही कोई कामयाब हो पाया हो| जिससे उसके हाथ निराशा के अलावा कुछ भी हाथ नही लगा|
जिले में ऐसे तमाम लोग हैं, जिनके यहां बेटे व बेटी की शादी है, मगर केंद्र सरकार के आदेश के बावजूद तमाम बैंकों में ढाई लाख का लाभ नहीं मिल रहा है। बीते दिनों ढाई लाख निकालने के आदेश पर लोगों को राहत की सांस मिली, मगर हकीकत में बैंकों से मदद नहीं मिल पा रही है। हालांकि एक दो बैंकों में आदेश का पालन हो रहा है। लेकिन पूरी तरह नही| शुक्रवार को भी कई बैंको में ढाई लाख पर शर्तो का बंधन लगा मिला जब लोग रुपये निकालने बैंक गए तो शादी का कार्ड, आधार कार्ड, पेन कार्ड व बैंक की पासबुक मांगी गई। जिससे लोग सभी अभिलेख पेश नही कर सके और उन्हें मायूस होकर लौटना पड़ा|
जनपद में हजारो की संख्या में शादी होंनी है लेकिन पंडित ने वर-बधू के गृह तो मिला दिये लेकिन बैंक में मैनेजर ढाई लाख रुपये देने के सभी कागजात नही मिला पा रहे है| जिस कारण यह घोषणा तो लगभग फ्लाफ सी है| जादातर आम आदमी के पास इस तरह के सभी कागजात मौजूद नही होते है जो ढाई लाख की शर्त में रखे गये है|
एसबीआई फ़तेहगढ़ के शाखा प्रबन्धक ने बताया कि अभी तक उनकी बैंक से एक भी शादी वाले व्यक्ति को ढाई लाख रुपये नही दिया जा सका है| क्योंकि नियम सभी पूर्ण नही कर पा रहे है| उनकी बैंक से अभी तक एक पुष्पा दयाल के कागजत पूर्ण थे|उन्हें केबल 70 हज़ार रुपया दिया जा सका| राजेपुर की बैंक ऑफ़ इंडिया के कार्यवाहक शाखा प्रबंधक सुशील कुमार, ग्रामीण बैंक के शाखा प्रबन्धक आरके श्रीवास्तव ने बताया अभी तक उनकी बैंको में किसी को भी ढाई लाख रुपये भुगतान नही किया जा सका है| किसी ने कागज ही पूर्ण नही कर पाये|
निकासी की शर्तें
-शादी की जरूरतों के लिए खाताधारक अधिकतम ढाई लाख (250000) रुपये निकाल सकेंगे।
-उसी खाते से निकासी की जा सकेगी जिसमें केवाइसी प्रक्रिया पूरी होगी।
-30 दिसंबर से तक की शादी की तारीख होने पर ही शादी की रकम निकाली जा सकेगी।
-शादी की रकम लड़का-लड़की व उनके अभिभावकों में से एक पक्ष द्वारा ही निकाली जा सकेगी।
-शादी के लिए निकाली गई रकम को उसी संबंध में खर्च करना होगा।
-आवेदक को आरबीआइ की ओर से निर्धारित किए गए प्रारूप में आवेदन करना होगा।