लखनऊ: मुख्यमंत्री के रूप में अपनी कैबिनेट से चाचा शिवपाल सिंह यादव सहित चार मंत्रियों को बर्खास्त कर चुके अखिलेश यादव ने आज कहा कि ऐसा कैसे हो सकता है कि उनके हाथ में तलवार थमाई जाए और फिर कहा जाए कि वह उसे चलाएं नहीं।
अखिलेश ने यहां सपा के रजत जयंती समारोह में कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रजापति का नाम लेते हुए कहा कि प्रजापति को कहेंगे कि हमें तलवार दे देते हो भेंट में और उधर कहते हो कि मैं तलवार ना चलाऊं। ऐसा कैसे हो सकता है। मुख्यमंत्री के रूप में अपनी कैबिनेट से चाचा शिवपाल सिंह यादव सहित चार मंत्रियों को बर्खास्त कर चुके अखिलेश यादव ने… समारोह के संयोजक गायत्री ने मंच पर बैठे सभी अतिथियों का तलवार देकर स्वागत किया था। गायत्री को अखिलेश एक बार अपनी कैबिनेट से बर्खास्त कर चुके हैं। अखिलेश ने इसी बहाने संभवत यह समझाने की कोशिश की कि मुख्यमंत्री बनाया है तो वह अपने अधिकारों का इस्तेमाल करेंगे। सपा के भीतर मचे घमासान का परोक्ष रूप से उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि राम मनोहर लोहिया ने कहा था कि लोगों को उनकी बात समझ आएगी लेकिन उनके मरने के बाद। मैं इसी बात को दूसरे रूप में कहता हूं कि लोगों को समझ में आएगा लेकिन सपा का नुकसान हो जाने के बाद। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश भारत का भविष्य है। आने वाले समय में जो चुनाव होने जा रहा है, वो भारत का भविष्य तय करेगा कि देश किस तरफ जाएगा।
अखिलेश ने कहा कि केंद्र की सत्ता में बैठी भाजपा ने लोगों में मतभेद पैदा किए हैं। भाजपा के लोगों ने दूरियां पैदा की हैं। उनका सत्ता का रास्ता वहीं से निकलता है। उत्तर प्रदेश की जनता ने भाजपा को 70 से अधिक सांसद दिए लेकिन राज्य को आदर्श गांव योजना से ज्यादा कुछ नहीं मिला। अखिलेश ने कहा कि पार्टी के वरिष्ठ और नौजवान नेता सभी बसपा और भाजपा के खिलाफ लड़े हैं। उन्होंने साइकिल चलाई है और खून पसीना बहाया है। वह हर तरह की परीक्षा देने को तैयार हैं। हमारा लक्ष्य बसपा और भाजपा की पराजय सुनिश्चित करना है। उन्होंने विश्वास जताया कि प्रदेश के 2017 विधानसभा चुनाव में एक बार फिर सपा की पूर्ण बहुमत की सरकार बनेगी। दुनिया में जितने भी लोग हैं, वो महसूस करते हैं कि समाजवादी विचारधारा ही हर वर्ग के लोगों को आगे बढ़ाने का काम करती है।