लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के मद्देनजर समाजवादी पार्टी में बड़ा फेरबदल हुआ है। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की जगह शिवपाल यादव को उ.प्र. समाजवादी पार्टी का नया अध्यक्ष बनाया गया है। सूत्रों के मुताबिक अखिलेश यादव पर कुछ बड़े फैसलों को पलटने का दबाव था। जिसकी वजह से सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने अखिलेश को हटाकर शिवपाल यादव को नया प्रदेशाध्यक्ष नियुक्त किया है। बता दें कि मुलायम सिंह यादव अब बड़े फैसले राजधानी दिल्ली में बैठकर करते हैं।
चचा-भतीजा विवाद भी वजह
राजीतिक जानकार इसे पार्टी और परिवार में चल रहे विवाद से जोड़कर देख रहे हैं। अखिलेश की अपने चाचा शिवपाल से टकराव से जुड़ी कई खबरें हाल के वक्त में आई हैं। ऐसे में सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव के इस फैसले को संतुलन बनाने के कदम के तौर पर देखा जा रहा है।
अखिलेश की कथित दखलंदाजी से परेशान होकर शिवपाल ने कुछ दिन पहले इस्तीफा देने की धमकी दे डाली थी। उनका आरोप था कि पार्टी में उनकी सुनी नहीं जा रही है। इसके बाद, मुलायम सिंह यादव ने शिवपाल का पक्ष लिया था। जानकारों के मुताबिक, मुलायम मानते हैं कि शिवपाल की संगठन और कार्यकर्ताओं पर अच्छी पकड़ है। ऐसे में विधानसभा चुनाव से पहले शिवपाल को नाराज करना नुकसानदायक साबित हो सकता है। इसी वजह से शिवपाल का कद बढ़ाने की कोशिश की गई है। शिवपाल पहले प्रदेश पार्टी प्रभारी थे। अब उन्हें प्रदेश अध्यक्ष बना दिया गया है।
कौमी एकता-सपा विलय टकराव की एक मुख्य वजह
गैंगस्टर मुख्तार अंसारी की पार्टी कौमी एकता दल के समाजवादी पार्टी में विलय का मामला अखिलेश और शिवपाल के बीच टकराव की सबसे बड़ी वजह बना। शिवपाल के इस फैसले को अखिलेश ने पलट दिया। साथ ही इस विलय को अमली जामा पहनाने की कोशिश कर रहे मुलायम के एक करीबी मंत्री को बर्खास्त भी कर दिया। हालांकि, जानकार मानते हैं कि खुद मुलायम यह विलय चाहते थे और उन्होंने इसके लिए अब रजामंदी भी दे दी है। शिवपाल हाल ही में एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में यह संकेत दे चुके हैं कि कौमी एकता दल से विलय कभी भी हो सकता है। बता दें कि हालिया घटनाक्रम को भी अखिलेश और परिवार के बीच टकराव के मामले के तौर पर देखा जा रहा है।
शिवपाल के चहेते मंत्री फिर चीफ सेक्रेटरी की बर्खास्तगी से नाखुश शिवपाल
गौरतलब है कि सोमवार को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भ्रष्टाचार के मामले में लिप्त अपने 2 कैबिनेट मंत्रियों को पद से हटा दिया। इसमें एक मंत्री शिवपाल यादव के चहेते मंत्रियों में था। वहीं आज अखिलेश ने चीफ सेक्रेटरी दीपक सिंघल को हटाकर शिवपाल को एक और बड़ा झटका दे दिया। दीपक सिंघल भी शिवपाल के करीबी रहे हैं।
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