आखिरी ख़त: किससे था लेडी डॉन को जान का खतरा?

CRIME FARRUKHABAD NEWS POLICE जिला प्रशासन

mira jatav 2 copymiraफर्रुखाबाद: बीते कई दिनों से पुलिस और सफेदपोश कुछ लोगो के की परेशानी का सबब बनी लेडी डॉन को मौत से पहले किससे था जान का खतरा. आखिर क्यों बार-बार लेडी-डॉन पुलिस के आला अधिकारियों को शिकायत कर रही थी| कौन था जो लेडी डॉन के पीछे हाथ धो कर पड़ा था| पुलिस के आला अधिकारियो से की गयी शिकायतों में उसने इसका बखूबी खुलासा भी किया| लेकिन उसे न्याय ना मिलने की जगह मौत मिल गयी| जिसके बाद कुछ लोगो ने पुलिस का दिमाग उन शिकायतों से हटाकर दूसरी तरफ लगा दिया| जेएनआई के हाथ जो अभिलेख लगे उन्होंने पूरे मामले से लगभग पर्दा ही हटा दिया है| देखे क्या लिखा था लेडी डॉन में अपने आखिरी ख़त में—-

जनपद कन्नौज के मलिकपुर निवासी डेली डॉन के फर्रुखाबाद में कई चर्चित लोगो से परिचय था| उसमे से सबसे करीबी शहर कोतवाली क्षेत्र के नवाब न्यामत खां निवासी एआरटीओ के सेवानिवृत कर्मी के दो पुत्र| जो उसके साथ उसके धंधे में बराबर का सरिक बताये गये है| बीते 19 अगस्त 2015 को लेडी डॉन ने पुलिस महानिरीक्षक को एक खत लिखा| जिसमे उसने लिखा की सिन्धी कालोनी निवासी युवक दबंग किस्म के है| वह पुलिस में भी अपनी पकड़ रखते है| दोनों भाईयो पर उसने गलत मंशा रखने का आरोप भी लगाया|

डेली डॉन के पत्र के अनुसार अपनी गलत मंशा पूरी होने के लिये दोनों ने उसके खिलाफ कई मुकदमे भी दर्ज करा दिये| लेडी डॉन ने आगे लिखा है आरोपीयो ने उसको एक फतेहगढ़ कोतवली में धारा 379 के तहत झूठा मुकदमा भी दर्ज करा दिया जिसमे वह जेल भी चली गयी| वर्ष 28 सितम्बर 2014 के सम्बंध में लेडी डॉन ने लिखा है की दोनों सगे भाईयो, एक सिपाही और दो अज्ञात लोगो ने उसके साथ बलात्कार किया|जिसकी शिकायत भी पुलिस से की गयी| लेकिन आरोपियों के प्रभाव के चलते मुकदमा दर्ज नही किया गया|

लेडी डॉन ने यह साफ शब्दों में लिखा है की आरोपी उसकी जान के दुश्मन बने हुये है| आरोपी पुलिस से मिलकर उसे किसी झूंठे मुकदमे में फंसा सकते है| उसने यह भी लिखा है की अब साँस लेना भी दूभर हो गया है| वह आत्महत्या करना चाहती है| इसके आलावा उसके पास कोई रास्ता नही है|अंत में जो उसने लिखा उससे यह साफ हो जाता है की आखिर पुलिस किस दिशा में जाँच करे| पत्र में लिखा है की आरोपी एआरटीओ कर्मी के पुत्र उसकी हत्या कराने की फिरांक में है| हो सकता है है की जब तक पत्र आईजी को मिले तब तक उसकी हत्या हो चुकी हो|
उसने भेजे गये पत्र की जाँच कराने की मांग की थी| लेकिन अफरोस उसे न्याय की जगह मौत नसीब हुई| जाँच अभी ठंडे बस्ते में है| यदि जाँच हुई तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जायेगा|

मामले की जाँच कर रहे एसडीएम सदर सुरेन्द्र सिंह ने बताया की मामला गम्भीर है| इसकी गहनता से जाँच की जायेगी| यदि आरोप सही पाया गया तो कार्यवाही भी होंगी|