फर्रुखाबाद: विधानसभा चुनाव निकट आ गये है| बसपा में भी बीजेपी, सपा की तरह खेमे बंदी है| अंतर इतना है कि बसपा सुप्रीमो के भौकाल के चलते नेता एक दूसरे की टांग खुलकर नही खीच पा रहे है| अंदरखाने की बात ये है कि नसपा में सदर विधानसभा पर अपने दांत गढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है| ये पब्लिक है ये सब जानती है|
19 अप्रैल 2015 को बसपा के वरिष्ठ नेता महेन्द्र सिंह कटियार को टिकट दिये जाने की घोषणा पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव इंद्रजीत सिंह सरोज ने की थी| टिकट की घोषणा होने वाले दिन आये जनसमूह को देखकर महेन्द्र की जमीनी पकड़ का अंदाजा लगाया जा सकता था | भीड़ से गदगद राष्ट्रीय महासचिव ने महेन्द्र कटियार की पीठ ठोंकी थी| भीड़ से उनकी पार्टी के ही कुछ नेता अन्दर ही अन्दर मायूस भी हुये थे| और यहीं से महेंद्र सिंह कटियार राजनैतिक विरोधियो के निशाने पर आ गए|
इसी क्रम में महेंद्र सिंह कटियार का विरोध कर अपने लिए टिकट मांगने के चक्कर में बसपा के पूर्व एमएलसी व पालिका चेयरमैंन के पति मनोज अग्रवाल को पार्टी से संगठन विरोधी काम करने के आरोप में बसपा से बाहर कर दिया गया| इसी के बाद मनोज और महेन्द्र के विवाद होने की खबरे आम हुई| लेकिन कोई खास असर नही आया| टिकट न मिलने की टीस मनोज सहित कई बसपाइयों के दिल में है (थी नहीं है)| लेकिन महेन्द्र को टिकट मिलना उनके सर में दर्द दे गया| ऊपर से उन्हें पार्टी से निकाला जाना भी उनके घाव पर नमक डालने जैसा था| उनका सदर की टिकट का सपना टूट गया | महेन्द्र का किसी मामले में नाम आने का इंतजार तो कई नेता पार्टी में ही कर रहे थे |
वहीँ बहुजन समाज पार्टी में पहली बार दिखा कि बसपा प्रत्याशी महेन्द्र कटियार पर मुकदमा दर्ज कराने के लिये भोजपुर विधानसभा के पूर्व विधायक और वर्तमान में कन्नौज की छिबरामऊ विधानसभा से बसपा प्रत्याशी ताहिर हुसैन सिद्दीकी ने पूरा जोर लगा दिया| और मुकदमा दर्ज कराकर ही दम लिया| बसपा के पार्टी का नेता पार्टी के नेता के खिलाफ खड़ा हुआ यह सब पहले कभी नजर नही आया| यहाँ भी राजनैतिक इच्छाशक्ति नजर आती ही है|
सूत्रों की माने तो पूर्व विधायक ताहिर हुसैन सदर सीट से अपने भाई पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष तहसीन सिद्दीकी को लडाना चाहते है| इस घटना में ताहिर को दोहरा लाभ लेना चाह रहे है| एक तो लेडी डॉन का ग्राम मलिकपुर उनकी छिबरामऊ विधानसभा में ही पड़ता है| जिससे उन्हें उनकी विधानसभा के वोटबैंक का फायदा मिले और फर्रुखाबाद के सदर सीट पर प्रत्याशी के खिलाफ मुकदमा होने पर पार्टी आला कमान कोई कार्यवाही करे तो महेन्द्र के हाथ से टिकट छुटकर उनके हाथो में आ जाये| हालाँकि ताहिर इस प्रकार के राजनैतिक षड्यंत्र से साफ़ इंकार करते है|
वैसे जब महेन्द्र की टिकट की घोषणा हुई थी तो महेन्द्र के मंच पर तहसीन और ताहिर दोनों मौजूद थे| वही पूर्व व्लाक प्रमुख ऊमर खां पर भी इस मामले में पर्दे के पीछे महेन्द्र की पीठ में राजनीति दांव-पेंच का छुरा भोकने का कयास लगाया जा रहा है|
जनसभाओ में भीड़ जुटाने में माहिर बसपा प्रत्याशी महेन्द्र सिंह कटियार ने बताया कि इस सम्बन्ध में उन्हें कोई जानकारी नही है| राजनैतिक नफा नुक्सान के लिए चाले चली जा रही है| उन्हें कानून और अपनी पार्टी पर पूरा भरोसा है| जो पार्टी और कानून का फैसला होगा वह उन्हें मान्य होगा| ये पब्लिक है सब जानती है……