लखनऊ. लोकसभा चुनाव में ‘एक बूथ–दस यूथ’ का नारा देकर यूपी के रास्ते बीजेपी दिल्ली पहुंची थी। अब 2017 में यूपी विधानसभा चुनाव के लिए उसने नया फॉर्मूला निकाला है। इसे A, B+, B, C का नाम दिया गया है। इसे यूपी बीजेपी के बूथ मैनेजमेंट ने तैयार किया है। 1 मई को बलिया में पीएम मोदी ‘उज्ज्वला अभियान’ की शुरुआत करेंगे। पार्टी वर्कर्स नई रणनीति के तहत वहां से इस फॉर्मूले पर अमल शुरू करेंगे। 2017 का ब्लू प्रिंट तैयार…
– यूपी विधानसभा चुनाव के लिए हर राजनीतिक दल कास्ट फैक्टर का ब्लूप्रिंट तैयार करने में जुटा है।
– बीजेपी के बूथ मैनेजमेंट ने भी अपना प्लान A, B+, B, C तैयार किया है।
– बीजेपी की तरफ से कुल 1.40 लाख बूथ कमेटियों में से 1.07 लाख बूथ कमेटियां अस्तित्व में आ चुकी हैं।
इनके फॉर्मूले को चार कैटेगरी में बांटा गया है
– A कैटेगरी में बीजेपी के वर्चस्व वाले विधानसभा क्षेत्रों को शामिल किया गया है।
– B+ कैटेगरी में उन विधानसभा क्षेत्र को शामिल किया गया है, जहां दो से अधिक बार बीजेपी ने जीत हासिल की है।
– B कैटेगरी में एक से अधिक बार जीत हासिल करने वाला क्षेत्र रखा गया है।
– C कैटेगरी में उन विधानसभा क्षेत्रों को शामिल किया गया है, जहां से बीजेपी कैंडिडेट ने कभी चुनाव नहीं जीता है।
– पार्टी सूत्रों की मानें तो बीजेपी का फोकस A, B+, B पर ज्यादा है।
जय भीम के बाद उज्ज्वला करेगी संजीवनी का काम
– एक साल से बीजेपी और उसके सहयोगी संगठन राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ जय भीम का सुर छेड़े हुए हैं।
– अम्बेडकर के नाम का सहारा लेकर बीजेपी दलित वोट बैंक में सेंधमारी का लगातार प्रयास कर रही है।
– अचानक एक साल में अम्बेडकर के प्रति पार्टी की दिलचस्पी को लेकर विरोधी पार्टियों ने घेरना शुरू कर दिया है।
– दलित वोट बैंक को परंपरागत वोट मानने वाली बीएसपी भी अब कोई मौका चूकना नहीं चाहती।
– ऐसे में विकल्प के तौर पर उज्ज्वला अभियान बीजेपी के लिए संजीवनी साबित हो सकती है।
उज्ज्वला अभियान के तहत केंद्र सरकार की तरफ से तीन साल में 5 करोड़ और इस साल के अंत तक डेढ़ करोड़ गरीब परिवारों को नि:शुल्क गैस कनेक्शन देने का लक्ष्य रखा गया है। गरीबी के निर्धारण के लिए 2011 की सामाजिक-आर्थिक गणना को आधार बनाया जाएगा।
क्या है उज्ज्वला अभियान
– इसके तहत केंद्र सरकार इस साल के अंत तक डेढ़ करोड़ और तीन साल में 5 करोड़ गरीब परिवारों को नि:शुल्क गैस कनेक्शन की व्यवस्था करेगी।
– गरीबी निर्धारण के लिए 2011 की सामाजिक-आर्थिक गणना को आधार बनाया जाएगा।
– पहले चरण में प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में 1000 गैस कनेक्शन दिए जाएंगे।
– यूपी में कुल 403 विधानसभा क्षेत्र हैं। इस तरह कुल 4 लाख तीन हजार कनेक्शन दिए जाएंगे।
– यह कनेक्शन गरीब परिवार की महिलाओं के नाम होगा।
क्या है बीजेपीकी रणनीति
– महिलाओं को प्रायोरिटी देने के पीछे पार्टी की रणनीति यह है कि महिला यदि बीजेपी को वोट देगी तो उस फैमिली के पुरुष वोटर का भी वोट इसी पार्टी को मिलेगा।
– प्रदेश के 49 जिलों में दलित वोटर्स की संख्या सबसे ज्यादा है। कुछ जिले छोड़ दें तो बाकी जगहों पर दलित दूसरा सबसे बड़ा वोट बैंक हैं।
– 20 जिलों में मुस्लिम वोटर सबसे ज्यादा हैं। इनमें ये दूसरा सबसे बड़ा वोट बैंक हैं।
– यूपी में यादव, ठाकुर और ब्राह्मण ऐसी जातियां हैं जो चुनावी गणित को प्रभावित करती हैं।
– बीजेपी के पास ठाकुर और ब्राह्मण मतदाता हैं।
– पार्टी यदि दलित, अतिपिछड़े और कुछ मुस्लिम वोटर्स को साथ लाने में सफल रही तो इसे यूपी में बढ़त बनाने में आसानी हो सकती है।
बसपा ने क्या कहा
– बसपा प्रदेश अध्यक्ष राम अचल राजभर का कहना है कि बीजेपी की सारी रणनीति धरी की धरी रह जाएगी। इसका कोई फायदा होने वाला नहीं है।
– उन्होंने कहा, ‘मैं भी क्षेत्र में घूम रहा हूं। कहीं भी कोई असर नहीं है।
– लोकसभा चुनाव में जो वादा किया था, उससे मुकर गए। चाहे वह काला धन हो या और कुछ। जनता इनके झांसे में आने वाली नहीं है।’
कांग्रेस ने क्या कहा
– यूपी कांग्रेस के प्रवक्ता मारूख खान का कहना है कि बीजेपी भ्रामक प्रचार में यकीन रखती है।
– केवल मिस कॉल के जरिए दस करोड़ मेंबर बनाने का दावा किया, लेकिन दिल्ली चुनाव नहीं जीत सके।
– मात्र फॉर्मूला बना देने से जीत नहीं मिल जाएगी। जनता अब उसे अच्छी तरह जान चुकी है।
– लोकसभा चुनाव में किस कदर झूठ बोल कर पार्टी ने जीत हासिल की, यह बात किसी से छिपी नहीं है। वैसे ही इनका फॉर्मूला भी बेअसर साबित होगा।