ढगी का शिकार हो गए जीते हुए जिला पंचायत सदस्य… न माया मिलेगी और न राम

FARRUKHABAD NEWS PANCHAYAT ELECTION

15April2010nagadee-looteeफर्रुखाबाद: खबर है कि जिला पंचायत सदस्य के पद पर चुनाव जीते कई प्रत्याशी ढगी के शिकार हो गए है| उनके प्रमाण पत्र भी जमा हो गए और उन्ही प्रमाण पत्रो को आधार बनाकर लखनऊ में टिकट मांगी जा रही है| एक जीते हुए प्रत्याशी के पालनहार ने दर्द भरे शब्दों में बताया कि भैया अब क्या करे| उनके पास तो अब प्रमाण पत्र भी नहीं है और पैसा मिलने की उम्मीद भी नहीं| वहां तो सिर्फ ठेकेदारी कराने के वादे पर वोट लिया जाता है| नगद तो नहीं मिलता| 40-50 लाख का सीधा नुकसान हो गया है| वे कहीं के नहीं रहे| समर्थक का कहना है कि अब वे पछता रहे है|

जिला पंचायत सदस्यी के परिणाम घोषित होते ही सभी बड़े छुटके नेता लखनऊ कूच कर गए थे| एक सपा नेता ने तो कलेक्ट्रेट में ही सदस्यों के प्रमाण पत्र अपने कब्जे में कर लिए थे| अब इन प्रमाण पत्रो को आधार बनाकर अपने प्रत्याशी के लिए टिकट मांगी जा रही है| सूत्र ने ये भी खुलासा किया है कि उनके पाले में अभी तक केवल 6 सदस्य ही जुट पाये है बाकी से सम्पर्क जरूर किया गया मगर अब तक किसी ने हाथ नहीं रखने दिया है| भाजपा के एक प्रदेश स्तर के नेता ने जेएनआई को नाम न खोलने की शर्त पर बताया कि भाजपा हाईकमान से नवाबगंज प्रथम से जीती सुरभि सिंह को प्रत्याशी बनाये जाने के लिए इशारा मिल गया है| फर्रुखाबाद के स्थानीय भाजपा नेताओ में भी जिला पंचायत अध्यक्ष सगुना देवी या फिर सुरभि सिंह को बनाये जाने पर सहमति बनी हुई है| सगुना देवी को सपा से टिकट न मिलने पर लगभग एक दर्जन सदस्य जो सगुना देवी को वोट करने के लिए अब तक तैयार है वे सुरभि के लिए वोट करेंगे| और अगर सगुना देवी को सपा अपना प्रत्याशी बनाती है उस हालात में भाजपा के सदस्य सगुना को जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी तक पहुचाएंगे| जो फर्रुखाबाद में जिला पंचायत अध्यक्ष बनाने के लिए सबसे सरल और आसान तरीका होगा ऐसे में सपा के खाते में एक जिला पंचायत अध्यक्ष भी हो जायेगा|

दूसरी ओर राजनैतिक विश्लेषकों का मानना है कि अगर सपा सगुना देवी को जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए प्रत्याशी नहीं बनती है तो सपा को दूसरा कोई भी कैंडिडेट जिताना न केवल मुश्किल होगा बल्कि कई अनैतिक काम भी करने होगे जिससे सपा की छवि और धूमिल होगी और आने वाले 2017 के चुनाव में एक गुंडा पार्टी के रूप में इससे काफी नुकसान भी होगा| फिलहाल जिन सदस्यों के प्रमाण पत्र दावेदारों ने जमा कर लिए है उनसे न बताते बन रहा है और न ही चुप्पी साधे| कहावत है कि “जबरा मारे और रोबन न देय”|