मासूम के हाथ में कलम के बदले थमा दी झाड़ू

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CHATRफर्रुखाबाद:(राजेपुर) स्कूल में झाड़ू लगाने वाला सफाई कर्मी कहा गया? इसका जबाब ना मेडम के पास है और ना ही विभाग के पास| फ़िलहाल विभाग की ईमानदारी पर यह बात टिकी है कि क्या इस में दोषी पर कोई कार्यवाही हो|

झाड़ू लगाना कोई बुरा नही लेकिन क्या किसी अन्य का बोझ मासूम के कंधो पर डालकर यह कहा जाये की क्या झाड़ू लगाना गलत है| क्या प्रधानमंत्री मोदी झाड़ू नही लगा रहे| तो क्या इस तस्वीर को देखकर यह तर्क बिल्कुल ठीक साबित नहीहोता है की बच्चो का झाड़ू लगाना कौन सा गलत है| यह चित्र जेएनआई की टीम ने तब लिया जब शासन के दूध वितरण के कार्यक्रम का निरिक्षण करने राजेपुर के प्राथमिक विधालय चित्रकूट पंहुची| मजे की बात यह है की जिस समय मासूम को पढ़ाने का समय था उस समय वह विधालय की फर्श को साफ करने में व्यस्त था|

अन्य बच्चे उसकी तरफ टकटकी लगाये देख रहे थे| कुछ ग्रामीण भी इस नजारे को साफ देखकर कह रहे थे की क्या सरकारी तंत्र की व्यवस्था है| अपने बच्चो को सरकारी स्कूल में भेजो तो उनसे काम कराया जाता| यदि अध्यापको के पास सफाई कर्मचारी नही है तो वह खुद ही क्यों नही विधालय में झाड़ू लगा देते| फ़िलहाल उस विधालय के सम्बन्धित सफाई कर्मी व मासूम को झाड़ू पकड़ाने वाले हाथो पर कार्यवाही तो बनती है| यदि कार्यवाही नही हुई तो यह शतप्रतिशत सत्य माना जाये की सफाई कर्मी अपने कार्य को ना करके अपने अधिकारियो की जेब गर्म कर अपने घर पर आराम कर रहा है|

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