फर्रुखाबाद: 16 मई 2014 को 15 वी लोकसभा के सदस्य के लिए पड़े वोटो की गिनती होने जा रही है| चुनाव से जुड़े मतगणना एजेंट या अन्य सरकारी मशीनरी व् मीडिया जो मतगणना के दौरान भूमिका निभाते है को छोड़ कर आम जनता के बीच उत्सुकता रहती है कि जहाँ सुरक्षा की जबरदस्त व्यवस्था होती है उस पंडाल के अंदर का हाल कैसा होता होगा| जेइनआई पहली बार आम जनता के अवलोकनार्थ वो नक्शा पेश कर रहे जहाँ देश के हर नागरिक की निगाह होए हुए भी निगाह नहीं पड़ेगी|
इसी पंडाल में तय होगा कि आपका अगला सांसद कौन होगा| इसी पंडाल में जिलाधिकारी के पद पर बैठने वाले निर्वाचन अधिकारी जीते हुए प्रत्याशी को चुनाव आयोग के प्रतिनिधि के तौर पर अपने हस्ताक्षर से जीते हुए प्रत्याशी को प्रमाण पत्र सौपेंगे| इसके बाद सांसद के प्रोटोकॉल के अंदर जिलाधिकारी आ जायेंगे| यही लोकतंत्र है| मगर एक बात तो ध्यान में रखने वाली है वो ये कि जिलाधिकारी/निर्वाचन अधिकारी प्रत्याशी को जनता के चुने हुए प्रतिनिधि का प्रमाण पत्र सौपेंगे असली सांसद तो वो तब बनेगे जब वे संसद में शपथ लेंगे| मगर बोलचाल की भाषा में तो लोग अभी से अपने अपने संभावित जीते हुए प्रत्याशी को सांसद जी कहने लगे है|
ये बात नक़्शे की| बहुत व्यवस्थित तरीके से गरम गरम लू के थपेड़ो के बीच सातनपुर मंडी मतगणना पंडाल होगा| एक विधानसभा के लिए अलग अलग पंडाल होगा| दो तरफ 7-7 मजे होंगी| एक तरफ सहायक निर्वाचन अधिकारी, प्रत्याशी और इलेक्शन एजेंट सहित निर्वाचन अधिकारियो के सहायको केलिए बैठने की व्यवस्था होगी| सामने की ओर एक ब्लैकबोर्ड होगा जिस पर चक्र वार वोटो का अंकन किया जायेगा| अंकन के बाद लाउड स्पीकर से राउंड में हर प्रत्याशी को मिले मतों का प्रसारण होगा| इसके बाद उस चक्र की मशीनो को फिर से सील कर वहां से हटा दिया जायेगा और नए चक्र के लिए मशीने स्तरों रूम से बाहर आकर मेजो पर लग जाएगी| ये चक्र तब तक चलेगा जब तक पूरी गिनती नहीं हो जाएगी|
ये पूरा घेरा तार की जाली से पिंजड़े नुमा बना दिया जायेगा| इन मेजो के बाहर तरफ हर मेज के सामने प्रत्याशियों के एजेंट होंगे जो चिड़ियाघर की तरह बाहर से केवल वोटो वाली मशीन को देख सकेगी और उन पर दर्ज वोट अपने पास नोट करेगा| वो हाथ भी अन्दर नहीं डाल सकेगा| बहुत पहले ये जाल नहीं लगाया जाता था, तब नेतागिरी शायद ज्यादा सभ्य थी| हारने वाले प्रत्याशियो के समर्थको के पास पिंजड़े से लूटने के लिए कोई मौका नहीं मिलेगा| वो ज्यादा से ज्यादा गुस्सा अपने विरोधी एजेंट पर उतार सकेगा| मगर उस पर निगरानी रखने के लिए तीसरी आँख का इंतजाम करने का प्राविधान है|
देखिये कौन कहाँ बैठेगा-