फर्रुखाबाद: ये सनसनीखेज बात है कि मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में नेता पत्रकार और लाभार्थी प्यासे रहे और कार्यक्रम के बाद एक मेजिक भर के बिसलेरी की पानी की बोतल फर्रुखाबाद के तलैया मोहल्ले में चली जाए| 14 लाख रुपये का खाना नाश्ता और पानी का बजट बताया जा रहा है| ऐसे में ये बात हजम नहीं हो रही कि केवल 5000 लाभार्थियो के लिए आये बजट से बच्चो को 1 बोतल पानी, सुबह के नाश्ते में 2 केला+ 5 रुपये की मठरी+ 1 छोटा बिस्किट का पैकेट और लंच के नाम पर सूखी पूडी के साथ घटिया और ख़राब सब्जी ही मिल सके| जिसे फेकना पड़े| कहीं तो कुछ गड़बड़ है|
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की प्रतिष्ठा की बात है| लैपटॉप का वितरण भी उतना ही उम्दा रखने का प्लान तैयार किया जितना बढ़िया लैपटॉप hp कंपनी से तैयार कराया| विशेष रूप से दोनों का डिजाइन बनाया गया| फिर भी लाभार्थी भूखे प्यासे घर को लौटे, ये अफ़सोस जनक है| जे एन आई ने कार्यक्रम के अंत में बसों के ठहराव के स्थान पर जाकर देखा जहाँ जिला पूर्ती कार्यालय का एक बाबू लंच बटवा रहा था| सुबह 5 बजे नाश्ता करके बच्चे आये थे दिन में सिर्फ 1 बोतल पानी के सहारे गर्मी में 6-7 घंटे काटे| लैपटॉप लेने के बाद जब जमकर भूख लगी और लंच का समय आया तो जो कागज का डिब्बा मिला उसमे सूखी पूडी और महक आती हुई सब्जी निकली| जिसे बच्चो ने खाया कम फेका ज्यादा| एक बच्चे पर 280 रुपये का खर्च का अनुमान है| हकीकत के लिए तो सूचना के अधिकार के तहत प्रार्थना पत्र लगाकर आयोग तक जाना पड़ेगा| कितना किसने खाया तब पता चल पायेगा| फिलहाल जनता की जानकारी के लिए बता दे कि खान पान का इंतजाम जिले के सबसे बड़े खान पान विभाग खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के हवाले था जहाँ बिना टेंडर के ही काम कराया गया|
5000 लाभार्थियो के साथ लगभग इतने ही व्यवस्था कर्मी और नेताओ की भीड़ का इंतजाम सरकार ने करने का आदेश किया था| मगर सबसे बड़ी बात ये रही कि पानी के नाम पर केवल लाभार्थियो के लिए १ लीटर पानी और 4 टोटी वाला 1 ठन्डे पानी के टैंकर का इंतजाम किया गया| 10000 लोगो के लिए केवल 7000 लीटर क्षमता वाला टैंक| कितनो की प्यास बुझा सकता था| बाकी वो पानी की बोतले जिन्हें जेएनआई के रिपोर्टर ने छोटे मैजिक ट्रक में भरकर वापस जाते देखा उनकी कहानी बाद में लिखी जाएगी|
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