कुंडा कांड में पुलिस अफसरों पर शक

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CBI in Kundaकुंडा कांड में घटनास्थल पर गोलियों के खोखों के बरामद न होने से सीबीआई अफसर हैरान हैं। उन्हें शक है कि घटनास्थलों से खोखे स्थानीय पुलिस ने ही हटाए हो सकते हैं। इसे लेकर सीबीआई ने प्रतापगढ़ के पुलिस अफसरों से भी पूछताछ की है।

सीबीआई के अफसरों ने माना था कि सिर्फ ग्राम प्रधान नन्हें की हत्या के मौके से तीन खोखे बरामद हुए थे। इसके बाद जब सीओ जिया उल हक की सर्विस पिस्टल बरामद हुई। लेकिन जहां उनका कत्ल हुआ और सुरेश यादव की गोली लगने से मौत हुई वहां से कोई भी खोखा बरामद नहीं हुआ।

जांच से जुड़े सीबीआई टीम के सदस्यों का कहना है कि जब सीओ और सुरेश की मौत हुई तब वहां खासा अंधेरा था। प्रधान नन्हें के घर की छत से गोलियां चलाई गई थीं वहां भी अंधेरा था। घटना के फौरन बाद ही हमलावर व गांव के लोग मौके से भाग निकले थे और उनके पास इतना मौका नहीं था कि वे घटनास्थल पर रोशनी कर सारे खोखे बटोर सकते।

इसके कुछ ही देर में पुलिस मौके पर पहुंच गई थी। सबसे पहले सीओ सदर जायसवाल और एसओ हथगवां मनोज पहुंचे थे। ऐसे में मौके से वहां चली गोलियों के खोखे तो बरामद होने ही चाहिए थे। लेकिन मौके पर पहुंचने वाले पुलिसकर्मियों ने इसकी कोई जानकारी नहीं दी। ऐसे में खोखों का गायब होना हैरत की बात है।

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सीबीआई के सूत्रों का कहना है कि इसी बात की जानकारी करने के लिए जांच टीम ने पिछले कुछ दिनों में सीओ सदर और तत्कालीन एसओ से पूछताछ की है। इन दोनों अधिकारियों के साथ मौजूद रहे पुलिसकर्मियों से भी अलग-अलग पूछताछ की गई है। सीबीआई को शक है कि खोखों के गायब होने के पीछे कोई साजिश है। इसी साजिश का खुलासा करने के लिए सीबीआई पुलिसकर्मियों से पूछताछ कर रही है।

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