प्रशासन नहीं चेता तो भुखमरी के कगार पर पहुंचेंगे टोकाघाट के ग्रामीण

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फर्रुखाबाद: कुम्भ मेले व रामनगरिया मेले के निकट आने से प्रदूषण बोर्ड द्वारा पहले ही जनपद की आधा सैकड़ा से अधिक छपाई कारखानों को बंद करा दिया गया था। वहीं टोकाघाट से गुजर रहे गंदे नाले को बांध द्वारा बंद कर दिया गया था। लेकिन शहर से नाले में पानी लगातार आने से पानी अब खेतों की तरफ बढ़ने लगा है। जिससे ग्रामीणों के अंदर भय व्याप्त है। कैमिकलयुक्त पानी जमीन के साथ-साथ फसलों को भी तबाह कर रहा है। तकरीबन 80 बीघा से अधिक भूमि जलमग्न होने की कगार पर पहुंच गयी है जो फसलों को तबाह कर रही है। जिससे स्थानीय ग्रामीणों में रोष व्याप्त हो गया है।

टोकाघाट पर बनाये गये बांध से गंगा में कुछ हद तक पानी जाने पर रोक लगा दी गयी है। फिलहाल तो यह अस्थाई व्यवस्था है। लेकिन फिर भी नगर पालिका की लापरवाही इसमें मुख्य भूमिका निभा रही है। नाले में बांध लगने से पानी का स्तर बढ़ गया है। जो टोका घाट निवासियों की भूमि पर खड़ी फसलों को नष्ट कर रहा है। खेत में इस समय आलू, सरसों व गेहूं आदि की फसल खड़ी हुई है। लेकिन कैमिकल युक्त पानी लगातार भरे रहने से फसल दिनों दिन नष्ट होती जा रही है।

स्थानीय ग्रामीण अबधेश पुत्र जगदीश ने बताया कि पानी में इतना ज्यादा कैमिकल है कि कई बार अगर फसलों में लगा दिया जाये तो फसल पूरी की पूरी तबाह हो जायेगी। लेकिन लगातार पानी भरा रहना भी ठीक नहीं। इस बजह से इसी गंदे नाले के पानी को फसलों में मजबूरन लगा रहे हैं। जिससे नाले के पानी के स्तर में बढ़ोत्तरी में कुछ राहत मिल सके। लेकिन फिलहाल फसल नष्ट होने के कगार पर पहुंच गयी।

मोनू पुत्र हरिश्चन्द्र ने बताया कि इस गंदे पानी की चपेट में टोका घाट के ग्रामीणों की तकरीबन 80 बीघा से ज्यादा खेती चौपट हो रही है। जिससे ग्रामीण भुखमरी के कगार पर पहुंच जायेंगे।

जितेन्द्र पुत्र ओमप्रकाश ने कहा कि नगर पालिका पानी को कहीं और ले जाकर छोड़े तो शायद कुछ राहत मिल जाये। नगर पालिका को टेंकरों द्वारा पानी को कहीं अन्यत्र छोड़ना चाहिए। जिससे किसान को उसकी फसल में हो रहे नुकसान को बचाया जा सकता है।

सुनील पुत्र रामचन्द्र ने भी गंदे कैमिकलयुक्त पानी से फसलों के नुकसान होने की बात कही। उसने कहा कि प्रशासन सिर्फ अपनी नौकरी कर रहा है। किसानों की फसल बर्बाद होने से उसे कोई फर्क नहीं पड़ता। नगर पालिका की लापरवाही इसमें महत्वपूर्ण है।

टोका घाट निवासी महिला जावित्रीदेवी पत्नी स्वर्गीय मानसिंह ने बताया कि बांध बनाने में लगी मिट्टी उसके 7 बीघा जमीन से उठायी गयी। जिससे उसके पांच बीघा गेहूं की फसल नष्ट हो गयी और खेत भी असमतल कर दिया। ग्रामीणों की इस समस्या पर भाजपा नेता मेजर सुनीलदत्त द्विवेदी भी मौके पर पहुंचे और पीड़ित जावित्रीदेवी के अलावा अन्य ग्रामीणों से बात की व मौके पर मौजूद नगर पालिका कर्मियों को पानी की स्थिति ठीक करने के निर्देश दिये।