पालीटेक्निक में कमीशन के बंदरबांट के विवाद में छात्र बन रहे मोहरा

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फर्रुखाबाद: बीते शुक्रवार को पालीटेक्निक में छात्राओं से अभद्रता किये जाने के मामले ने तूल क्या पकड़ा, मामला पालीटेक्निक के मुख्यालय तक पहुंच गया। एक तरफ छात्र अपने प्रधानाचार्य के साथ टीचरों पर भी बगैर किसी कारण के मारपीट का आरोप लगाते तो वहीं दूसरी तरफ छात्राओं के समर्थन में कूदे अध्यापक प्रधानाध्यापक और छात्रों के व्यवहार को गलत बता रहे थे। छात्राओं ने कालेज के हास्टल में रह रहे छात्रों पर अश्लील हरकतें करने का आरोप लगाया था। पूरे मुद्दे का अगर एक्सरे किया जाये तो मामला प्रधानाध्यापक और टीचरों के कमीशन को लेकर आपसी विवाद का है। इसे टीचर व प्रधानाचार्य मिलकर तूल पकड़ाये हुए हैं और दोनो के बीच में पिस रहे हैं संस्थान के छात्र व छात्रायें। इस बात की पुष्टि भी जांच करने आये डिप्टी डायरेक्टर ने की और उन्होंने कहा कि छात्रों के अंदर इस तरह का व्यवहार लाना लाजमी नहीं। इस पूरे प्रकरण में किसी तीसरे व्यक्ति का भी हाथ हो सकता है।

पालीटेक्निक कालेज के प्रधानाचार्य डी के वर्मा व कालेज के ही टीम टीचर वरुण यादव, अजय यादव व अजय पाल यादव के आपसी मतभेद का मुख्य कारण पालीटेक्निक में चल रही कमीशनखोरी को लेकर पनप रहा है। कालेज में प्रधानाचार्य द्वारा कमीशनखोरी का बंदरबांट न होने पर यह मामला पनपा। बात करें अगर टेक्निकल रूप से तो कालेज में हर वर्ष 80 हजार रुपये वार्षिक कम्प्यूटर के रख रखाव के लिए आता है। जिसमें 60 कम्प्यूटर और चार लेपटाप सही मायने में होने चाहिए। लेकिन इसकी जगह पर मात्र 17 कम्प्यूटर लगाये गये हैं। जिसमें से 5 कम्प्यूटर इस बजह से क्रेश हो गये कि उनकी बैटरियां तीन वर्ष से नहीं बदली गयीं। खेल प्रभारी अजय पाल सिंह, वरुण यादव व अजय यादव ने कालेज के प्रधानाचार्य पर यही आरोप जड़ा है कि वह तीन सालों से कम्प्यूटरों का रखरखाव नहीं कराया गया है। लेकिन बिलों पर हस्ताक्षर बराबर करके पैसे निकाले जा रहे हैं। खेल प्रभारी अजयपाल ने कहा कि खेल का सामान लाने के लिए भी कई बार प्रधानाचार्य ने पैसा निकाला। लेकिन सामान आज भी नहीं आया। कम्प्यूटर कक्ष में लगाये गये लगभग सभी ए सी खराब पड़े हैं। पानी की टंकी की सफाई दो वर्षों से नहीं हुई। हैन्डपाइप में भी बुरी तरह से कचड़ा आता है। जिससे छात्रों के बीमार होने की समस्या बनी हुई है। अध्यापकों ने कहा कि इन सब बातों का विरोध हम लोगों ने प्रधानाचार्य से किया था। जिसकी बजह से वह हम लोगों से मतभेद मान रहे हैं और पूरे प्रकरण को हवा दे रहे हैं।

जांच करने आये डिप्टी डायरेक्टर सुरेन्द्र प्रसाद ने कहा कि पूरे प्रकरण की जांच करने के बाद विभागीय लोगों में आपसी मतभेद का मामला सामने आया है। 60 कम्प्यूटरों को लगाया जाना चाहिए लेकिन कमी की बजह से 17 कम्प्यूटर ही लगे हैं। उन्होंने 5 कम्प्यूटरों के खराब होने की बात को भी स्वीकारा। उन्होंने कहा कि कम्प्यूटरों के रखरखाव के लिए 30 हजार रुपये वार्षिक आता है जो आवश्यकता के अनुसार संस्थान में खर्च होता है। कमीशन की बात पर उन्होंने जांच करने की बात कही।