भूस्खलन के चलते पुरी में साड़े तीन लाख लोगों को सुरक्षित स्थान में भेजा

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नई दिल्ली:चक्रवाती तूफान फानी का असर ओडिशा में दिखने लगा है। पुरी के तटों में भूस्खलन शुरू हो गए हैं। पुरी के तटों पर तेज हवाओं के साथ बारिश हो रही है। साड़ तीन लाख से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेज दिया गया है। आपदा प्रबंधन की टीम तूफान से निपटने के लिए तैयार है। फानी की वजह से रेल,सड़क और हवाई यातायात पर प्रभाव पड़ा है। ओडिशा के तटीय क्षेत्रों में तेज हवाओं के साथ बारिश शुरू हो गई है।
अपडेट:-
– ओडिशा के पुरी तट में भूस्खलन शुरू हो गए हैं। चक्रवात तूफान फानी के चलते तटीय क्षेत्रों में तेज हवाओं के साथ बारिश हो रही है।
– पश्चिम बंगाल के दीघा में तेज हवाओं के साथ बारिश शुरू हो गई है। चक्रवात तूफान फानी के चलते ओडिशा में 11 बजे तक कई जगहों पर भूस्खलन हो सकता है, वहीं कई जगहों पर भूस्खलन शुरू भी हो गए हैं।
– ओडिशा के पुरी में तेज हवाओं के साथ बारिश शुरू हो गई है।
– चक्रवात तूफान के चलते ओडिशा में रेल सेवा बाधित हो गई है। ईस्ट कोस्ट रेलवे ने आज 10 ट्रेनों को और रद कर दिया है। बता दें कि रेलवे ने इसके पहले 1 से 3 मई तक  कुल 147 ट्रेनों को रद किया था।
– चक्रवात तूफान फानी से निपटने के लिए पश्चिम बंगाल भी पूरी तरह से अलर्ट हो गया है। कोलकाता के बिचाली घाट में आपदा प्रबंधन की टीम अभी से अलर्ट पर है। बता दें कि चक्रवात तूफान फानी का असर ओडिशा के पुरी में देखा जाएगा।
– मौसम विभाग के अनुसार चक्रवात तूफान फानी के उत्तर-पश्चिम की ओर आगे बढ़ने की संभावना है और शनिवार की शाम तक यह चक्रवाती तूफान बांग्लादेश में प्रवेश कर सकता है।

– मौसम विभाग के अनुसार चक्रवाती तूफान फानी आज दोपहर तक ओडिशा के तटीय क्षेत्रों से टकराएगा। तूफान के चलते तेज हवाओं और बारिश के साथ ही यह धीरे-धीरे उत्तर-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ेगा और फिर धीरे-धीरे चक्रवात तूफान फानी कमजोर हो जाएगा। इसके साथ ही मौसम विभाग ने बताया कि चक्रवात तूफान फानी शनिवार की सुबह तक और भी तेज होते हुए यह तूफान पश्चिम बंगाल पहुंचेगा।
– तूफान का असर दक्षिण बंगाल में भी देखा जा रहा है। भारी बारिश और तेज हवाआों के चलते कई पर्यटक बुरी तरह से फंस गए हैं। तूफान में फंसे पर्यटकों को निकालने के लिए दक्षिण बंगाल राज्य परिवहन निगम (SBSTC) ने दीघा से 50 बसों का संचालन शुरू किया है। दीघा में फंसे हुए पर्यटकों को निकालने के लिए बसों का संचालन सुबह पांच बजे से शुरू कर दिया गया है।
– गंजम जिले के डीएम ने बताया कि चक्रवात तूफान फानी से बचने के लिए अब तक 301460 लोगों को सुरक्षित स्थानों में भेज दिया गया  है। वहीं, 541 गर्भवती महिलिओं को सावधानी पूर्वक अस्पताल में पहुंचाया गया है।
– चक्रवात तूफान फानी से निपटने के लिए गृह मंत्रालय ने हेल्प लाइन नंबर जारी किया है। गृह मंत्रालय की ओर से जारी हेल्प लाइन नंबर 1938 है।
– ओडिशा के जगदीशपुर जिले के पारादीप में तेज हवाओं के साथ बारिश हो रही है। चक्रवात तूफान फानी के चलते ओडिशा के पुरी में भी तेज हवाओं के साथ बारिश शुरू हो गई है। ओडिशा के सभी तटीय क्षेत्रों को हाई अलर्ट घोषित किया गया है।
– ओडिशा के कई जिलों में आज चक्रवात तूफान फानी का असर देखा जा सकता है। शुक्रवार सुबह से ही कई जिलों में तेज हवाओं के साथ बारिश शुरू हो गई है।
ओडिशा के मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जानकारी दी गई है, कि तूफान से बचने के लिए 24 घंटे के अंदर 10 लाख से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थान में पहुंचा दिया गया है। ओडिशा के गंजम में 3 लाख और पुरी जिले के1.3 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों में रखा गया है। सुरक्षित स्थानों में 5000 रसोईघर भी बनाए गए हैं।
मौसम विभाग ने पहले ही चेतावनी जारी कर बताया था कि बंगाल की खाड़ी में उठा भीषण चक्रवाती तूफान फानी शुक्रवार सुबह आठ से 10 बजे के बीच ओडिशा के पुरी, गोपालपुर व चंदबली के तट से टकराएगा। गुरुवार शाम को यह पुरी से 320 किलोमीटर दूर दक्षिण-पश्चिम में स्थित था। तट से टकराते वक्त हवा की रफ्तार 170 से 180 किमी व अधिकतम 200 किमी प्रति घंटा रह सकती है। इससे उसकी विकरालता का अंदाजा लगाया जा सकता है। पिछले 43 सालों में अप्रैल माह में भारत के पड़ोसी समुद्री क्षेत्र में उठा इतनी तीव्रता का यह पहला तूफान है।
पीएम नरेंद्र मोदी ने तूफान से निपटने के लिए गुरुवार को हालात से निपटने के लिए विभिन्न विभागों द्वारा की गई तैयारियों की समीक्षा की थी। ओडिशा के 15 जिलों में 10 हजार से ज्यादा गांवों और 52 कस्बों पर तूफान कहर बरपा सकता है। इससे 12 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित होंगे। इसलिए उन्हें सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा रहा है। तीनों सेनाओं व अन्य एजेंसियों को पहले ही अलर्ट किया जा चुका है। वायु सेना ने गुवाहाटी, कोलकाता और अंडल के सिविल हवाईअड्डे से लड़ाकू विमान के संचालन का अभ्यास किया है, ताकि आपात स्थिति में राहत और बचाव कार्य यहां से शुरू किया जा सके।