फानी तूफ़ान ने बरपाया कहर, आठ की मौत, हजारों पेड़ उखड़े, सैकड़ो मकान छतिग्रस्त

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नई दिल्ली: फानी तूफान बंगाल की खाड़ी में उठे समुद्री तूफान फानी ने शुक्रवार को पुरी सहित ओडिशा के अन्य जिलों में जमकर तबाही मचाई। इस दौरान तीन अलग-अलग घटनाओं में आठ की मौत हो गई। पुरी में जहां 245 किलोमीटर की रफ्तार से हवा चली, वहीं अन्य हिस्सों में 175 किलोमीटर की रफ्तार से तेज हवाओं के साथ मूसलाधार बारिश हुई।
समुद्र में उठती ऊंची-ऊंची लहरों से लोग दहशत में रहे। तेज हवा से हजारों पेड़, झोपड़ियां और घर के छप्पर उजड़ गए। कई जगहों पर भूस्खलन हुआ। बिजली व्यवस्था और संचार व्यवस्था चरमरा गई है। कोलकाता-चेन्नई रूट पर 220 से अधिक ट्रेनें शनिवार से रद हैं। भुवनेश्वर हवाई अड्डे से शुक्रवार को सभी उड़ानें रद रहीं।
फानी से प्रभावित राज्यों को निपटने के लिए केंद्र सरकार ने 1000 करोड़ रुपये जारी किए है। इसकी घोषणा शुक्रवार को पीएम नरेंद्र मोदी ने की। इससे पहले 11 लाख लोगों को प्रभावित इलाकों से पहले ही हटा लिया गया था, जिससे नुकसान काफी कम हुआ। 10,000 गांवों और 52 शहरी क्षेत्रों को खाली करा लिया गया था।
बांग्लादेश की ओर मुड़ा तूफान
पुरी से गुजरने के बाद फानी चक्रवात खुर्दा, भुवनेश्वर, कटक, भद्रक, व बालेश्वर होते हुए पश्चिम बंगाल से गुजर कर बांग्लादेश की ओर चला गया। इससे पहले फानी तूफान का बाहरी आवरण शुक्रवार को सुबह करीब नौ बजे पुरी जिले के गोपालपुर और चांदबली के बीच जमीन से टकराया। उस समय इसकी गति सौ किमी प्रति घंटे थी। जैसे-जैसे तूफान का केंद्र तट की ओर बढ़ता गया इसकी गति भी तीव्र हो गई। जब तूफान का केंद्र सुबह करीब दस बजे पुरी में तट से टकराया तो उस समय उसकी रफ्तार 245 किमी प्रति घंटा मापी गई। जो धीरे धीरे कमजोर पड़ती चली गई। पिछले 43 साल में यह सबसे तीव्र गति का तूफान था।
|बस्तियों से हटा लिए गए थे लोग
तूफान की वजह से भुवनेश्वर में तेज हवाओं से लोग बुरी तरह सहम गए। भुवनेश्वर में 120 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही हवा व भारी बारिश के कारण तमाम जगहों पर विशालकाय पेड़ भी धराशायी हो गए। प्रशासन की तरफ से बस्ती में रहने वाले लोगों को पहले ही सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया गया था। बावजूद इसके भुवनेश्वर में काफी संख्या में लोग बस्तियों में रुके रहे। जिन्हें शुक्रवार को तबाही के बाद आश्रय स्थल में लाया गया।
एनडीआरएफ की 28 टीमें तैनात
किसी भी आपदा से निपटने के लिए नेशनल डिजास्टर रिस्पॉस फोर्स (एनडीआरएफ) की 28 टीमों को तैनात किया गया है। इससे पहले शासन प्रशासन ने किसी भी अनहोनी से निपटने के लिए पूरी तैयारी कर ली थी। प्रभावितों को लिए 800 आश्रय स्थल बनाए है। स्कूल व कॉलेजों को बंद कर आश्रय स्थल में तब्दील कर दिया गया है।
एक लाख भोजन के पैकेट तैयार
प्रभावितों के लिए सूखे भोजन के एक लाख पैकेट और इन्हें वितरित करने के लिए दो हेलीकॉप्टर तैयार हैं। भारतीय तटरक्षक बल के पास विशाखापट्टनम, चेन्नई, गोपालपुर, हल्दिया, फ्रेजरंगज और कोलकाता के विभिन्न स्थानों पर 34 आपदा राहत दल हैं। किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए चार जहाज तैनात हैं। भारतीय नौसेना ने राहत सामग्री और चिकित्सा दलों के साथ तीन जहाजों को भी तैनात किया है ताकि वह बचाव अभियान शुरू कर सके। 17 जगह पर स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से विशेष व्यवस्था की गई है।
पीएम ने दिया हर संभव मदद का भरोसा
राजस्थान के करौली-धौलपुर में रैली के लिए पहुंचे पीएम मोदी ने फानी का भी जिक्र किया। कहा कि केंद्र सरकार प्रभावित राज्यों की सरकारों के साथ लगातार संपर्क में है और एक दिन पहले ही इसके लिए 1000 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि जारी की जा चुकी है।
राहत सामग्री की मुफ्त ढुलाई करेगा रेलवे  
रेलवे ने कहा है कि चक्रवात प्रभावित ओडिशा, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश के लिए वो राहत सामग्रियों की मुफ्त ढुलाई करेगा। रेलवे ने इस संबंध में दिशानिर्देश जारी किए हैं। साथ ही सभी मंडल रेल प्रबंधकों (डीआरएम) को इस संबंध में पत्र भी लिखा है। रेलवे के मुताबिक जिलाधिकारी और कमिश्नर के माध्यम से राहत और सहायता सामग्री फणि प्रभावित राज्यों को भेजे जा सकते हैं। सरकारी संगठनों द्वारा भेजे जाने वाली सामग्री की ढुलाई रेलवे मुफ्त करेगा। संबंधित जिलों में जिलाधिकारी और कमिश्नर ही राहत सामग्री को प्राप्त भी करेंगे।
बंगाल में भी व्यापक असर 
फानी का पश्चिम बंगाल के पश्चिम मेदिनीपुर जिलों में व्यापक असर देखा गया। आंधी के चलते 185 मकानों के क्षतिग्रस्त हुए। नौ घायल हुए। शासन ने स्पष्ट किया कि मनाही के बावजूद समुद्र में जाने वाले मछुआरों के खिलाफ कार्रवाई होगी। लगातार माइकिंग की जा रही है। नदियों में नावों के आवागमन पर रोक है। हल्दिया बंदरगाह से करीब 15 नॉटिकल मील (करीब 28 किमी) दूर स्थित बंदरगाह में माल चढ़ाने और उतारने का कार्य बुधवार से स्थगित है। वहीं राज्य में एक व्यक्ति के मारे जाने की भी सूचना है।
असम में भी हाई अलर्ट 
चक्रवाती तूफान फणि के पश्चिम बंगाल से टकराने के बाद पूरे पूर्वोत्तर में भारी बारिश की आशंका जताई गई है। इसको देखते हुए असम सरकार ने सभी जिलों में हाई अलर्ट घोषित कर दिया है। मध्य जल आयोग ने चार और पांच मई को पश्चिमी और मध्य असम के जिलों में भारी बारिश की संभावना जताई है। राज्य आपदा राहत बल को पूरे राज्य में 40 जगहों पर तैनात किया गया है।बिहार में तीन मरे
उत्तर बिहार के कई क्षेत्रों में शुक्रवार को चक्रवात फणि के प्रभाव से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया। कई जगह पेड़ गिरने से आवागमन बाधित हो गया। बिजली ठप हो गई। घरों के छप्पर उड़ गए। ठनका गिरने से पश्चिम चंपारण में दो लोगों की मौत हो गई।
आंध्र के चार जिलों को आचार संहिता में छूट
चुनाव आयोग ने चक्रवात फणि को देखते हुए आंध्र प्रदेश के चार जिलों में आदर्श आचार चुनाव संहिता में ढील दे दी है, ताकि राहत और बचाव के कार्य तेजी से चलाए जा सकें। आंध्र प्रदेश के मुख्य चुनाव अधिकारी ने चुनाव आयोग से पूर्वी गोदावरी, विशाखापट्टनम, विजयानगरम और श्रीकाकुलम के लिए आदर्श आचार संहिता में ढील देने की मांग की थी, जिसे आयोग ने मान लिया है। हालांकि, श्रीकाकुलम को छोड़कर आंध्र प्रदेश के तटवर्ती इलाकों में फणि का कुछ ज्यादा असर नहीं पड़ा है। तेज हवाओं के चलते कुछ पेड़, बिजली के खंबे और टेलीफोन के टॉवर जरूर उखड़े गए हैं। बिजली और संचार व्यवस्था को बहाल करने का काम तेजी से चल रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि राज्य के तटवर्ती इलाकों में सिर्फ सात गांवों पर ही इसका असर पड़ा है, यहां तेज बारिश हो रही है, लेकिन जान-माल के किसी तरह के नुकसान की खबर नहीं है।
दो दशकों में ओडिशा में चक्रवात 
29 अक्टूबर 1999 : महाचक्रवात
4 अक्टूबर 2013 : फेलिन
12 अक्टूबर 2014 : हुदहुद
10 अक्टूबर 2018 : तितली
फानी  का असर
-भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने शुक्रवार में झारखंड में अपनी सभी तीन रैलियों को रद किया।
-बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने भी आज होने वाली अपनी सभी रैलियों को रद किया।
-बंगाल में फानी के मद्देनजर स्ट्रांग रूम की सुरक्षा पर आयोग ने मांगी रिपोर्ट।
-हजारों पेड़ धराशायी, 11 लाख को प्रभावित क्षेत्रों से हटाया।
-220 से अधिक ट्रेनें व भुवनेश्वर से सारी उड़ानें रद, कोलकाता एयरपोर्ट भी बंद।
-प्रभावित राज्यों को केंद्र ने दी 1000 करोड़ की मदद।