अमन की पहल पर उपद्रवियों ने लगाया पलीता, कासगंज में फिर हिंसा

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कासगंज:गणतंत्र दिवस पर उठीं हिंसा की लपटों में तीन दिन तक झुलसते रहे कासगंज में तनाव के बीच अमन की पहल रंग दिखाने लगी। यूपी सरकार ने घटना राजनीतिक साजिश बताया जबकि समाजवादी पार्टी ने चिंताजनक और दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया।
कासगंज में पुलिस-पीएसी और आरएएफ तैनाती के बीच अघोषित कर्फ्यू जैसी स्थिति है। आइजी के नेतृत्व में बवाल और युवक की हत्या में वांछित आरोपी के यहां दबिश देकर पिस्टल बरामद किया गया। इसी दौरान रविवार रात उपद्रवियों ने प्रशासन की अमन की पहल को फिर पलीता लगाया। एक दुकान और एक मकान में आगजनी की। पुलिस की मुस्तैदी से काबू पाया गया। दबिश के दौरान पुलिस को बबलू के घर से दोनाली बंदूक बरामद हुई। आइजी के अनुसार पुलिस ने पिछले तीन दिनों में गिरफ्तार 82 लोगों को भेजा जेल। इनमें 31 हत्या और बलवा में नामजद या चिन्हित है। शेष 51 धारा-144 उल्लंघन के दोषी। इसके अलावा 40 लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है। रविवार तड़के उपद्रवियों ने चार खोखों में आग लगाई थी। भरगैन में दूधिये को पीटा। दिन में पीस कमेटी बैठक में शहर में अमन-चैन बहाल करने पर जोर दिया गया और अधिकारियों ने बाजार खुलवाने का प्रयास भी किया।
कई हिस्सों में ताबड़तोड़ दबिश
तिरंगा यात्रा के विरोध के बाद शहर में उपद्रव के तीसरे दिन रविवार सुबह सहावर गेट और सोरों गेट के अलावा नदरई गेट पर तैनात जवान लोगों को घर में वापस जाने को कहते रहे। तभी सुबह आठ बजे बांकनेर के पास उपद्रवियों ने एक खोखे में आग लगा दी। प्रशासन और पुलिस के अधिकारी मौके पर पहुंचे और आग पर काबू पाया।
इसके बाद एक तरफ आइजी अलीगढ़ डॉ. संजीव गुप्ता के नेतृत्व में पुलिस और पीएसी के जवानों ने शहर के बिलराम गेट, तहसील रोड, बड्डू नगर, लवकुश नगर और शहर के कई हिस्सों में ताबड़तोड़ दबिश दीं और छतों की तलाशी ली। इस दौरान बिलराम गेट पर राशिद के रेस्टोरेंट से देसी बम और तहसील रोड पर युवक चंदन गुप्ता के हत्यारोपी वसीम जावेद के घर से पिस्टल बरामद की। आइजी ने बताया कि तिरंगा यात्रा के बाद हुए बवाल को लेकर चार मुकदमे दर्ज हुए हैं।
शांति बहाली के प्रयास तेज
पुलिस ने रविवार को 11 आरोपियों को गिरफ्तार किया जबकि दो दर्जन लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया। दूसरी तरफ प्रशासनिक अफसर अमन कमेटियों के जरिए शहर में शांति बहाल करने के प्रयास में जुट गए। दोनों संप्रदाय के नेताओं ने अपने-अपने क्षेत्र में जाकर शांति की अपील की। उनके प्रयास रंग भी लाए। शाम को बाजार खुले।
खरीदारी को लोग बाजार में निकल पड़े। प्रशासन ने कल से स्कूल-कॉलेजों के खुलने की भी घोषणा कर दी है। सूत्रों के अनुसार रविवार को शासन को भेजी गई खुफिया रिपोर्ट में उपद्रव के पीछे विपक्षी दलों के नेताओं की ओर इशारा किया गया है। उन्हें हिंसा के आरोपियों का संरक्षणदाता बताया गया है।
कासगंज की घटना सांप्रदायिक नहींः सरकार
यूपी सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि कासगंज की घटना कुछ राजनीतिक दलों की माहौल बिगाडऩे की साजिश है। इसे सांप्रदायिक बताना गलत है। वहां सांप्रदायिक तनाव है। पिछले 24 घंटों में बड़ी हिंसा हुई है। हालात काबू में हैं,इसीलिए वहां कर्फ्यू लगाने की जरूरत नहीं है।
इस बीच सूत्रों ने बताया कि प्रदेश शासन को भेजी खुफिया रिपोर्ट में उपद्रव के पीछे विपक्षी राजनीतिक दलों के नेताओं की ओर इशारा किया गया है। ऐसे राजनीतिक दलों को हिंसा के आरोपियों का संरक्षणदाता बताया गया है।
कासगंज में हिंसा दुर्भाग्यपूर्णः अखिलेश
सपा मुखिया अखिलेश यादव ने कहा कि कासगंज में सांप्रदायिक हिंसा दुर्भाग्यपूर्ण और चिंताजनक है। लोकतंत्र में ऐसी घटनाओं के लिये कोई स्थान नहीं होना चाहिए। उन्होंने लोगों से सद्भाव एवं भाईचारा बनाये रखने की अपील की और कहा कि प्रदेश में लोकतंत्र का गला घोंटा जा रहा है।
भाजपा का नफरत फैलाने का इतिहास रहा है। देश के जिन भी राज्यों में भाजपा सत्ता में रही है, वहां समाज को विभाजित करने के प्रयास हुए। प्रदेश में पिछले दस महीने में जिस तरह भाजपा की नीतियों से सामाजिक बंटवारा बढ़ रहा है, वह व्यवस्था के लिये खतरा है।