फर्रुखाबाद: जिस प्रकार भगवान और भक्त की जोड़ी होती है ठीक वैसे ही नेता और मतदाता की जोड़ी होती है| एक दूसरे के बिना दोनों का कोई मतलब नहीं| जहाँ भगवान् हैं वहीँ भक्त है और जहाँ मतदाता है वहीँ नेता| आँखे खोल और आशीर्वाद दो ये प्रभु| हे मतदाता तुम हो भाग्य विधाता| इन दिनों खासकर जो तुम्हारा आशीर्वाद है पता वही पांच साल तक राज्य कर पाता| हे बजरंगबली दया करो| कृपा करो| भूल चूक जो हुई हो माफ़ करो| गुरूवार को नगरपालिका की अखरोट की कुर्सी की प्रबल दावेदार दयमंती सिंह की सुबह भक्त और भगवान दोनों के घर हुई|
दयमंती सिंह अपने पुत्र और समर्थको के साथ तलैया फजल इमाम और बजरिया में जनसम्पर्क करने पहुची| घर घर अपना परचा दिया| हाल चाल पुछा और समर्थको ने जिंदाबाद के नारे लगा कर टैम्पो हाई किया| तलैया मोहल्ले में बजरंग बली का मंदिर मिला तो दयमंती से नहीं रहा गया| प्रभु की शरण में पहुच चरण वंदना कर याचना की| प्रसाद बटा और समर्थको सहित मतदाताओ ने स्वागत भी किया| मुख्य मुकाबले में पहुच चुकी दयमंती को बजरंग बली के स्वामी भगवान राम वाली पार्टी के समर्थको का खतरा महसूस हो रहा है| लिहाजा उन्होंने अर्जी लगायी है| नगर में ब्राह्मणों के ध्रुवीकरण से दयमंती को खतरा भी चकला बेलन से कम “कमल” से ज्यादा होने का आसार दिखने लगा है| लिहाजा वे अपनी जीप अब तेज चला रही है| गुरूवार के जनसम्पर्क का हवाला दीपक शुक्ल के कैमरे की नजर से-