बढ़त बनाती भाजपा ने अंतिम दौर में ताकत झोकी- एक दर्जन टोलियाँ जनसम्पर्क में निकली

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फर्रुखाबाद: नगरपालिका चुनाव का मुकाबला रोचक होने जा रहा है| हाल ही में मथुरा उपचुनाव में सपा प्रत्याशी की हार सत्ता को गिरती लोकप्रियता का नमूमा था| तीन महीने पहले जिस पार्टी की सरकार पूर्ण बहुमत से बनी हो उसका उपचुनाव में प्रत्याशी हार जाए तो जाहिर है जनता में सपा का ग्राफ गिरा है| वैसे भी फर्रुखाबाद पालिका का चुनाव भाजपा छोड़ किसी पार्टी ने अपने चुनाव चिन्ह पर नहीं लड़ा है अलबत्ता एक दूसरे को समर्थन दिया है| इस समर्थन का बहुत फायदा नहीं मिलता दिख रहा है| संगठित होकर चुनाव केवल भाजपा लड़ रही है इसलिए नया प्रत्याशी होने के बाबजूद मुकाबले में पहुच चुका है और नाले से टक्कर लेने को तैयार दिखता है| हालाँकि अभी भी भाजपा का सबसे बड़ा वोटर ब्राहमण वर्ग बिखरा हुआ है| फिर भी अगर देर सवेर भाजपा ब्राह्मणों का पूरा न सही बड़ा तबका अपनी और समेटने में कामयाब रही तो टाउन हाल की और उसके कदम बढ़ सकते है|

गुरूवार को भाजपा प्रत्याशी माला पारिया, प्रांशु, आशीष पारिया, मेजर सुनील अलग अलग खेमो में पूरे नगर में फ़ैल गए| फतेहगढ़ से फर्रुखाबाद तक भाजपा की 1 दर्जन से अधिक टोलियाँ चुनाव प्रचार में निकली| संजीव परिया के साथ सुशील शाक्य प्रांशु अद्विवेदी और डॉ भूदेव निकले तो माला के साथ मेजर सुनील द्विवेदी| बात साख की है तो मेजर ने भी ताकत झोकी है| अलबत्ता कुछ ब्राहमण जो ठेकेदारी करते है और मेजर को चुनाव लड़वाते है अब मनोज को चुनाव लडवा रहे हैं| लेकिन ऐसे लोगो का सामाजिक असर बहुत नहीं पड़ता| एक नजर आज का जनसम्पर्क-