खबरीलाल आज खबर देने नहीं खबर लेने आए थे। वह भी सीधे जनता (मतदाताओं) से। खबरीलाल आज जनता से नगर पालिका चुनाव के सन्दर्भ में बात करेंगे। यह बात पूरे बाजार में फैल गयी थी। चौक में खबरीलाल के आने से पहले भी अच्छी खासी भीड़ थी। लोग किराने बाजार से नेहरू रोड, रेलवे रोड, लोहाई रोड से चले आ रहे थे। इसी बीच खबरीलाल पूरे तामझाम के साथ आते दिखे। सबसे हाथ जोड़ते, रामजुहार, आदाव अज, सलाम करते खबरीलाल चौक की ओर बढ़ते चले आ रहे थे। भीड़ उनके आगे पीछे दायें, बायें चल रही थी। उनका उत्साह भी बढ़ता जा रहा था। उत्साह से लबरेज माहौल में किसी शैतान ने धीरे से कहा- बोलो भैया खबरीलाल की जय! फिर तो जिसने सुना वही दोहराने लगा- बोलो भैया खबरीलाल की जय! खबरीलाल की जय! खबरीलाल की जय! भैया खबरीलाल जिन्दाबाद- जिन्दाबाद।
तब तक खबरीलाल चौक की पटिया पर आकर बैठ गए। बाबा पान वालों ने टाइम सेन्टर वालों की बगल में दुकान सजाने वाले मालियों से कई मालायें पहले ही मंगा रखीं थीं। उन्होंने पहले खबरीलाल को माला पहनाई, अनार का जूस पिलाया और अपने हाथ से बनाकर बढ़िया पान खिलाया। बाबा ने अपने पुराने परिचित और नियमित ग्राहकों को मालायें दी और खबरीलाल को पहिनाने का इशारा किया। गदगद होकर पटिया पर बैठे खबरीलाल मंजे हुए नेता की तरह हाथ जोड़कर पटिया पर खड़े हो गये। देखादेखी और लोगों ने छोटी बड़ी मालायें खरीदकर खबरीलाल का जबर्दस्त स्वागत किया। भावविभोर खबरीलाल बोले बस करो भैया! बहुत-बहुत धन्यवाद। कल मैने आपसे कुछ कहने का वादा किया था। इसलिए मेरी बात ध्यान से सुनो। चौक में हो गया पिन ड्राप साइलेंस।
खबरीलाल बोले! पूरे जिले और शहर में मेरे रोजनामचे को लेकर तरह-तरह की बातें हो रही हैं। होनी भी चाहिए। मुझे उस विषय में कुछ सफाई नहीं देनी है। सबका अपना नजरिया और सोच है। परन्तु एक बात मैं पूरी ईमानदारी से कहना चाहता हूं। मैं चुनाव मैदान में उतरे किसी भी प्रत्याशी के समर्थन या विरोध में नहीं हूं। आज आपने मेरा जिस गर्मजोशी से स्वागत किया उसका मैं अपने को अधिकारी नहीं मानता। मैं अपने भाइयों से उनके द्वारा दर्शाये गए प्रेम स्वागत और सत्कार के लिए सच्चे मन से धन्यवाद देता हुआ केवल एक ही बात कहूंगा कि 24 जून को होने वाले स्थानीय निकाय चुनाव में आप सब पूरे उत्साह से निष्पक्ष और निर्भीक होकर मतदान अवश्य करें।
खबरीलाल अब तक अपनी रौं में आ चुके थे। बोले चुनाव में दबाव, धमकी, भय, प्रलोभन का प्रपंच फैलाने वालों को रंचमात्र भी साथ नहीं देना है। यह लोग सही मायने में लोकतंत्र के दुश्मन हैं। आप किसे वोट देंगे, यह आपका अपना फैसला है। इसमें किसी को कुछ भी दखल देने का अधिकार नहीं है। हमें आपके निर्णय और विवेक पर पूरा भरोसा है। चुनाव को धन, शराब, विरादरी, धर्म आदि के नाम पर कलंकित न होने देंगे। चुनाव में धन दौलत की बरसात करने वाला व्यक्ति ईमानदार जनप्रतिनिधि नहीं हो सकता- ज्यादा कुछ नहीं कहेंगे। संक्षेप में हमारा यह आवाहन सुन लीजिए हमसे वास्तव में प्रेम करते हो तब उसका पालन कीजिए। हमारा आपका, नगर का, समाज का सभी का भला होगा-
भैया चलो डालो वो!
इलेक्शन लोकतंत्र का का प्राण
यहां है वोटर ही भगवान
झूम कर करेगा अब मतदान
बढ़ेगी लोकतंत्र की शान
यही है अन्ना का ऐलान!
भैया चलो डालो वोट!
तुम्हें जो लगे सभी में श्रेष्ठ
झूमकर उसको दो जब वोट
जहां जिसमें भी पाओ खोट
सभी मिलकर दो उसको चोट
बढ़ेगा वोटर का सम्मान
यही है अन्ना का ऐलान!
भैया चलो डालो वोट!
करे जो जाति धर्म की बात
करे जो खर्चों की बरसात
तुम्हें देना चाहे सौगात
करे जो लोकतंत्र पर घात
उसी को दो तुम तगड़ी चोट
झूमकर करो सभी मतदान
यही है अन्ना का ऐलान!
भैया चलो डालो वोट!
जो लालच दे और डराए
धमकी दे या धौंस दिखाए
उससे कह दो सीना तान
चुनेंगे वेस्ट और करेंगे
झूम के अब मतदान
रहेगी लोकतंत्र की शान
यही है अन्ना का ऐलान!
भैया चलो डालो वोट!
करोगे तुम जितना मतदान
होगा लोकतंत्र बलवान
जड़ें होंगी उसकी मजबूत
झुकेगी स्वस्थ फूलों की डाली
मिलेगी हम सबको खुशहाली
खड़े फल स्वयं गिरेंगे टूट
झूमकर अब करिये मतदान
बढ़ाओ लोकतंत्र की शान
यही है अन्ना का ऐलान!
इतना कहकर खबरीलाल बोले! बस आज हमें इसके अलावा कुछ नहीं कहना। यकीन मानिए यदि आपने निष्पक्ष और निर्भीक होकर झूमकर शतप्रतिशत मतदान किया। तब फिर आपको सर्वोत्तम अध्यक्ष और सभासद मिलेगा। मंत्रमुग्ध भीड़ खबरीलाल को सुनने के बाद पूरे उत्साह से चिल्लाई- झूम कर करेंगे हम मतदान- बढ़ायेंगे लोकतंत्र की शान।
भीड़ से आवाज आई
हाथी घोड़ा पालकी
जय हो खबरीलाल की
जय कन्हैया लाल की।
कल रविवार खबरीलाल छुट्टी पर रहेंगे। मुंशी हरदिल अजीज और मियां झान झरोखे स्थानीय निकाय चुनाव की पूरी परिक्रमा के साथ हाजिर होंगे। चलो भैया डालो वोट!
सतीश दीक्षित
एडवोकेट