फर्रुखाबादः इसे ऊपर वाले का कहर कहें या एक विडम्बना, हंसते खेलते रहीश हुसैन के परिवार में अचानक से दुखों का पहाड़ टूट पड़ा जब उसे मालूम हुआ कि उसकी बच्ची शानी को कुछ ऐसा रोग हो गया है जिसके इलाज के लिए काफी खर्चा आयेगा। असहाय बाप ने अपनी पुत्री शानी के इलाज के लिए अब सामाजिक संगठनों से गुहार लगायी है। इसी क्रम में आज नगर की महिला संगठन ने शानी के इलाज के लिए दुकान-दुकान जाकर पैसे इकट्ठे किये।
यह बात बीते 6 माह पूर्व की है जब शानी को शरीर में एलर्जी हो गयी थी और कारचोब का काम कर अपने परिवार का पेट पाल रहे शानी हुसैन के पिता रहीश हुसैन को पता लगी तो उसके पैरो से जमीन खिसक गयी। अपने जिगर के टुकड़े की दुर्दशा रहीश से देखी नहीं जा रही थी और उधर दूसरी तरफ शानी का पूरा बदन बड़े-बड़े छालों से भर गया था। इसके बाद रहीश ने शहर के कई चिकित्सकों को इस बीमारी के बारे में जानकारी दी व इलाज कराया। लेकिन शहर के चिकित्सकों ने हाथ खड़े कर लिये।
इसके बाद रहीश पुत्री शानी को लेकर कानपुर पहुंचा। जहां पीजीआई में वह 11 दिनों तक भर्ती रही। रहीश ने बताया कि पीजीआई में डाक्टरों द्वारा गलत ब्लड चढ़ाने के बाद शानी के साथ यह सब हुआ है। पहले शानी को हल्की एलर्जी के साथ ब्लड प्रेसर की बीमारी थी। पेशे से मजदूर रहीश ज्यादा पैसा खर्च करने की स्थिति में नहीं था। क्योंकि घर में कारचोब के कार्य से ही परिवार का पेट पलता था। लेकिन इस भारीभरकम खर्चे का बोझ ने रहीश की कमर तोड़कर रख दी थी। हालत जब ज्यादा बिगड़ी तो कानपुर के चिकित्सकों ने भी बच्ची का इलाज करने से तौबा कर लिया। अब रहीश के पास बच्ची के इलाज के लिए पैसे नहीं हैं। जो उसे दिल्ली या आगरा लेकर जाते। मजबूरन अपने कलेजे के टुकड़े को घर पर ही ले आये और अपनी आंखों के सामने ऊपर वाले के भरोसे बच्ची को छोड़ दिया और नीम हकीमों की दवाइयों से अपना इलाज चालू कर दिल को तसल्ली देने लगे।
शनी के अलावा शानी के परिवार में एक भाई व बहन भी है। बहन की शादी रहीश ने कुछ दिनों पूर्व कर दी। लेकिन कहते हैं बुरे दिन कह कर नहीं आते। शनी की बीमारी उसके भाई को भी लग गयी। अब रहीश के जीवन में सिर्फ रोना ही रोना लिखा था। रहीश ने बताया कि अकेले बैठकर मैं ऊपर वाले से बस बच्ची की मौत की दुआ करता हूं। इस स्थिति की भनक कुछ सामाजिक संगठनों को लग गयी ।तो आज गुलाबी गैंग हरकत में आया। उसने शहर के मुख्य मार्गों पर असाध्य बीमारी से जूझ रही गरीब बच्ची शानी के इलाज के लिए पैसे इकट्ठे करने हेतु डब्बा लेकर चंदा मांगा।
बात करें प्रशासन की तो प्रशासन के पास इस बात की जानकारी होने के बाद भी रहीश को किसी भी प्रकार की कोई आर्थिक मदद नहीं दी जा रही है। रहीश ने बताया कि इस बात के लिए मै। मुख्य चिकित्साधिकारी से भी गुहार लगा चुका हूं। लेकिन उन्होंने स्पष्ट रूप से कह दिया कि स्वास्थ्य विभाग के पास इस बीमारी का इलाज नहीं है। अगर फर्रुखाबाद में शानी का इलाज नहीं हो सकता तो क्या प्रशासन उसको आर्थिक मदद देकर इलाज कराने की हैसियत में नहीं है? यह सवाल रहीश हुसैन के दिलो दिमाग में गूंज रहे हैं। अब रहीश आर्थिक तंगी से परेशान होकर कानपुर से किसी डाक्टर का इलाज करा रहा है। लेकिन ना उम्मीदी के साथ। गीली आंखों से आने जाने वाले लोगों की तरफ इसी उम्मीद से देख रहा है कि अगर कोई मदद कर दे तो शायद उसकी बच्ची ठीक हो जाये। रहीश ने बताया कि उसके पास मोबाइल नम्बर 7275324631 जोकि उसका स्वयं का है। मीडिया के हरकत में आने के बाद इस नम्बर पर कुछ लोगों ने थोड़ा बहुत मदद का आश्वासन दिया है। उधर सामाजिक संगठन गुलाबी गैंग भी बराबर शानी के इलाज में प्रयासरत है।