दीपावली से पहले बोनस के आश्वासन पर राज्यकर्मियों व शिक्षकों ने 12 अक्टूबर से प्रस्तावित अपनी तीन दिन की हड़ताल स्थगित कर दी। कर्मचारी-शिक्षक समन्वय समिति के प्रतिनिधियों की शासन से वार्ता के बाद यह फैसला किया गया। समिति ने घोषणा की है कि अन्य मांगें पूरी न किए जाने पर 15 नवंबर से वे तीन दिन के लिए हड़ताल पर चले जाएंगे।
राज्यकर्मियों और शिक्षकों की बुधवार से प्रस्तावित हड़ताल को देखते हुए शासन स्तर के वरिष्ठ अधिकारी एक दिन पहले से ही उनकी मांगों को लेकर माथापच्ची में लगे हुए थे। प्रमुख सचिव वित्त वृंदा स्वरूप ने कर्मचारी प्रतिनिधियों के साथ विचार किया था। मंगलवार को मुख्य सचिव अनूप मिश्र की मौजूदगी में कई मांगों पर सहमति जताई गई। समन्वय समिति के प्रवक्ता बीएल कुशवाहा ने बताया कि मुख्य सचिव ने दीपावली से पहले बोनस देने, मकान किराया भत्ता को ग्रेड वेतन के बजाय मूल वेतन से जोड़ने, नगरों की वर्गीकरण भारत सरकार के समान करने लिपिकों एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों का पदोन्नति कोटा बहाल करने, एसीपी व्यवस्था में सुधार करने आदि मांगों पर एक माह के भीतर समयबद्ध कार्रवाई की आश्वासन दिया है। इसी तरह सात प्रतिशत महंगाई भत्ता की किश्त प्रदान करने, नगर प्रतिकर भत्ता के स्थान पर ग्रामीण स्तर तक के सभी कर्मचारियों को परिवहन भत्ता देने आदि मांगों पर शीघ्र परीक्षण कराकर विचार का आश्वासन दिया गया है।
वार्ता में समिति की ओर से लल्लन पांडेय, माध्यमिक शिक्षक संघ से एमएलसी देवी दयाल शास्त्री, ध्रुव कुमार त्रिपाठी, राज्य कर्मचारी परिषद के समन्वयक अमरनाथ यादव, अध्यक्ष रामजी अवस्थी, महामंत्री एसके मिश्र, राज्य कर्मचारी महासंघ से कमलेश मिश्र, डिप्लोमा इंजीनियर महासंघ से एसपी श्रीवास्तव, निगम कर्मचारी महासंघ से प्रीतम दास, एसएएच जैदी, पीसी कुरील, चतुर्थ श्रेणी राज्य कर्मचारी महासंघ से राम लखन सिंह, टीएन मिश्र आदि शामिल हुए।