जिले में धूमधाम के साथ मनायी महावीर हनुमान जयंती

FARRUKHABAD NEWS जिला प्रशासन सामाजिक

फर्रुखाबाद:(जेएनआई ब्यूरो)  चैत्र शुक्ल पक्ष पूर्णिमा में श्री हनुमान जी महाराज का जन्मोत्सव बड़ी धूमधाम के साथ मनाया गया| नगर के विभिन्य हनुमान मन्दिरों में सुबह से ही दर्शन के लिए भीड़भाड दिखी| जगह-जगह सुंदर कांड, अखंड पाठ का आयोजन किया गया|
नगर के प्राचीन मंदिर गंगातट पांचाल घाट पर हनुमानगढ़ी के हनुमान जी, पंचमुखी हनुमान जी, महाकाल मंदिर, बड़े बूढ़े हनुमान जी, भोलेपुर हनुमान जी, मंदिर श्री बालाजी मंदिर, रेलवे रोड पल्ला मठिया देवी मंदिर के हनुमान जी, पीपल वाले बालाजी, महाराज संकट मोचन हनुमान चिंतामणि बालाजी, बालाजीपुरम मंदिर नगर के सैकड़ों मंदिरों में प्रातः काल हनुमान जन्मोत्सव के अवसर पर सोलह श्रृंगार मंगल दर्शन के साथ शुरू किया गया| भक्तों ने अखंड पाठ, श्री रामचरितमानस का पाठ, संगीत मय सुंदरकांड का पाठ के साथ यज्ञ किया, तो कहीं हनुमान चालीसा पाठ, बजरंग बाण, हनुमान अष्टक, छप्पन भोग, महाआरती के साथ प्रसाद वितरण एवं भंडारा के साथ जन्म उत्सव मनाया गया| श्री बड़े बूढ़े हनुमान के पुजारी सेवा धारी पंडित चंद्र प्रकाश ने बताया कलयुग में हनुमान जी की उपासना करने से प्रत्येक प्राणी के जीवन के कष्ट दूर हो जाते हैं, उन्हें संकट मोचन अष्ट सिद्धि नवनिधि के दाता ही कहा जाता है| जीवन में ग्रहों के प्रभाव राहु,केतु, मंगल व शांति के कुप्रभाव को दूर करते हैं| नवीन चंद्र मिश्रा श्री सुंदरकांड के पाठ करता कहते हैं ज्ञान विज्ञान विवेक के देवता है उनकी उपासना से बल बुद्धि प्राप्त होती है| श्री हनुमान जी जयंती पर सभी के लिए मंगलकामनाएं की हनुमान भक्त अशोक मिश्रा कहते हैं| जो व्यक्ति हनुमान जी की उपासना करते हैं उनके सभी मनोरथ पूरे होते हैं| श्री हनुमान जन्मोत्सव पर नगर के सभी मंदिरों में हनुमान जी की भव्य एवं दिव्य श्रृंगार छप्पन भोग भजन कीर्तन हनुमान जी की स्तुति हवन पूजन के साथ मनाया गया| जगह-जगह प्रसाद वितरण एवं भंडारा का आयोजन किया गया| खड़े हुए हनुमान जी पांचाल घाट एवं खतराना मोहल्ला में बैठे हुए हनुमान जी के विविध रूपों की भक्तों ने अपने-अपने ढंग से उपासना कर के जन्मोत्सव मनाया| भक्तों में बालक दास, महेंद्र भदौरिया, मोनू वर्मा, नितेश वर्मा, राजू टंडन, आलोक त्रिवेदी, अरुण, गोपाल सिंह, आरेंद्र दीक्षित, अनिल त्रिवेदी, अमरनाथ मल्होत्रा, गौरव मिश्रा व विजय गौड़ आदि भक्तों ने प्रसाद एवं भंडारे का आयोजन किया