फर्रुखाबाद:(कमालगंज संवाददाता) केंद्र सरकार ने ग्रामीणों को आवास और आवासीय भूमि का मालिकाना हक देने लिए स्वामित्व योजना लागू की है। सर्वेक्षण के आधार पर संपत्तियों के मालिकों को संपत्ति कार्ड दिया जाएगा। योजना में उत्तर प्रदेश के ग्रामीण आबादी के क्षेत्रों और उनमें निहित संपत्तियों के सीमांकन के लिए ड्रोन टेक्नालॉजी का इस्तेमाल किया जाएगा, जिसका क्रियान्वयन जिले में सोमवार को मानवेन्द्र सिंह नें शुरू किया|
विकास खंड कमालगंज के ग्राम महरूपुर बिजल में जिलाधिकारी मानवेन्द्र सिंह, एसडीएम सदर अनिल कुमार आदि पंहुचे| डीएम नें स्वामित्व योजना के तहत लैपटॉप से ड्रोन कैमरे में ग्रामीण आबादी सर्वेक्षण (घरौनी) का शुभारम्भ किया| डीएम नें कहा कि अब ड्रोन कैमरा सर्वेक्षण अब ग्राम सभा की आबादी की भूमि पर बने मकान का स्वामित्व उस व्यक्ति के नाम होगा। सबसे बड़ी बात की वे उस भूमि के स्वामी अभिलेखों में हो जायेंगे। उसके मकान का अलग नक्शा होगा। ग्रामीण आबादी का भी एक नक्शा होगा। मकान के विवाद कम हो जायेंगे और यदि भविष्य में कभी होंगे तो अभिलेखीय आधार पर निर्णीत होगा। अनावश्यक मुकदेबाजी समाप्त होगी और भूमि विवादों में भी कमी जायेगी। अब ग्रामीण मकान का स्वामित्व मिल जाने के कारण स्वामी को बैंक से लोन मिल सकता है, जिससे वे अपना व्यवसाय आदि भी कर सकते है।
दावे-आपत्तियों का भी निस्तारण होगा
स्वामित्व योजना का क्रियान्वयन राजस्व व पंचायती राज विभाग मिलकर कर रहे हैं। विवादित संपत्तियों पर किए गए दावे- आपत्तियों का भी निस्तारण होगा। ग्राम पंचायतों की आबादी क्षेत्र का सर्वे कराने से पहले चूना डालकर चिह्नांकन किया जा रहा है। यदि कई व्यक्तियों के मकान की छतें एक साथ मिलीं हुई हैं तो उनकी छत पर चढ़कर मोटा चूना डालकर उनको अलग-अलग चिह्नित किया जायेगा|
ग्रामीणों को कई होंगे फायदे
योजना के जरिए ग्रामीण इलाकों में रहने वालों को कई फायदे होंगे। इससे संपत्ति को लेकर भ्रम और झगड़े खत्म हो जाएंगे। गांव में विकास कार्यों की योजना बनाने में मदद मिलेगी। साथ ही विकास कार्यों को रफ्तार मिलेगी। शहरों की ही तरह ग्रामीण इलाकों में संपत्तियों पर बैंक आसानी से कर्ज दे सकेंगे।
अपर जिलाधिकारी विवेक श्रीवास्तव आदि रहे |