फर्रुखाबाद: हम सभी का दायित्व है कि अपना अधिक से अधिक सरकारी कार्य हिंदी में ही करें। वैज्ञानिक कलेवर तथा सहज प्रकृति के कारण हिंदी सहज, सरल व बोधगम्य है। इन्हीं विशेषताओं के चलते यह विश्व की प्रमुख भाषाओं में से एक है।
रविवार को सामाजिक, साहित्यिक एवं सांस्कृतिक संस्था दीप के द्वारा नगर के डॉ० ओपी सभागार में हिंदी पखबारे अंतिम सप्ताह में एक गोष्ठी का आयोजन किया गया| जिसमें कहा गया कि विज्ञापन की भाषा धीरे- धीरे हिन्दी बन गई है। आज सूचना प्रौद्यौगिकी के लिए प्रयुक्त होने वाले कंप्यूटर, टैब, मोबाइल सहित हर इलेक्ट्रोनिक डिवाइस में देवनागरी का प्रयोग हो रहा है। हिन्दी में अंग्रेजी शब्दों की भरमार से इसका स्वरूप बदल दिया है। अत: हिन्दी में किसी भी भाषा को आत्मसात करने की क्षमता है।
मुख्य अतिथि अधिवक्ता सुधीर शर्मा नें कहा कि अन्य देशों की अपेक्षा हिंदी भाषा बहुत ही सरल और सुलभ है| इसे जन-जन तक पंहुचाना चाहिए| अध्यक्षता कर रहे डॉ० रामबाबू
रत्नेश नें कहा कि हम सब को आज यह शपथ लेनी चाहिए कि अपने बच्चो को हिंदी माध्यम विद्यालय में ही पढाएंगे| इसके साथ ही सरकारी विभागों में भी हिंदी में ही कार्य करने की अपील की|
इस दौरान प्रीती तिवारी, दिनेश अवस्थी, वैभव सोमबंशी, मुदित टंडन, दिलीप कश्यप, उपकार मणि, राजगौरव पाण्डेय आदि रहे| संस्था के अध्यक्ष निमिष टंडन नें सभी का स्वागत किया|