चित्रकूट: वन गमन के दौरान भगवान श्रीराम की तपोभूमि रहे चित्रकूट में विकास का सच परखने आए सीएम योगी आदित्यनाथ के कहर का असर अब तक हो रहा है। उनके चित्रकूट से रवाना होने के बाद ही सीएमएस व सीएमओ को हटाया गया। इसके बाद तीन एसडीएम का तबादला किया गया। अब जल निगम के चार इंजीनियर को निलंबित किया गया है।
चित्रकूट के दो दिनी दौरे 13 व 14 सितंबर को सीएम योगी आदित्यनाथ को विकास कार्यों की समीक्षा में मिली खामियों व भ्रष्टाचार को लेकर नाराजगी का असर दिखने लगा है। यहां से उनके जाते ही कई अफसरों के तबादले हुए थे। अब मऊ-बरगढ़ पेयजल योजना में लापरवाही व देरी को लेकर सोमवार को मुख्य अभियंता जल निगम लखनऊ राजीव निगम ने चार अभियंताओं को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर विभागीय जांच कर कार्रवाई के आदेश दिए हैं।
मुख्य अभियंता की ओर से सोमवार को जारी हुए निलंबन पत्र के मुताबिक बरगढ़ और मऊ ग्राम समूह पेयजल योजना में व्यापक भ्रष्टाचार, योजना से जलापूर्ति में खामियों और लगातार लापरवाही से योजनाएं पूरी होने में देरी की बात सामने आई है। जिम्मेदार जल निगम कर्वी चित्रकूट के अधिशासी अभियंता राम बिहारी और जेपी सिंह को सस्पेंड कर मुख्य अभियंता लखनऊ क्षेत्र कार्यालय से संबद्ध किया गया है। इस मामले की जांच कानपुर मंडल के अभियंता को सौंपी गई है। इसी तरह सहायक अभियंता यशवीर सिंह और अरविंद कुमार अवस्थी को भी निलंबित कर दिया गया है। इनके खिलाफ भी विभागीय जांच बैठाई गई है। अभी कुछ और अफसरों पर गाज गिर सकती है।
गौरतलब है कि लगातार जनप्रतिनिधि इन दोनों पेयजल योजनाओं में भ्रष्टाचार की शिकायत कर रहे थे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनपद आगमन पर समीक्षा के दौरान भी सख्त तेवर दिखाते हुए कड़ी कार्रवाई के संकेत दिए थे। मंगलवार को निलंबन आदेश जिले में पहुंचने पर विभाग में हड़कंप मच गया है। कुछ बड़े ठेकेदारों पर भी शिकंजा कसने के आसार नजर आने लगे हैं। डीएम शेषमणि पांडेय ने बताया कि किसी भी विकास योजना में हीलाहवाली पर कड़ी कार्रवाई तय है। अधिकारी कर्मचारी अपनी कार्यशैली में बदलाव कर लें।