वाराणसी: कमीशनखोरी के कारण बिल भुगतान में हो रही देरी के चलते आर्थिक तंगी व मानसिक तनाव झेल रहे ठेकेदार अवधेश श्रीवास्तव ने बुधवार को लोक निर्माण विभाग में मुख्य अभियंता के दफ्तर में खुद को गोली मार ली। मौके पर ही उनकी मौत हो गई। मुख्य अभियंता कार्यालय परिसर में गोली चलने से हड़कंप मच गया। वारदात की जानकारी होते ही कमिश्नर, डीएम, एसएसपी, एसपी सिटी फोर्स के साथ लोक निर्माण विभाग पहुंचे। पुलिस को अवधेश के कार चालक बसंत के पास से छह पन्ने का सुसाइड नोट मिला है। मौके से बरामद सुसाइड नोट व रिवाल्वर- कारतूस को अपने कब्जे में लेते हुए फोरेंसिक जांच के लिए विधि विज्ञान प्रयोगशाला को सौंप दिया है। डीएम और एसएसपी ने मुख्य अभियंता समेत लोक निर्माण के अन्य अभियंताओं से पूछताछ की और दस्तावेज खंगाले। परिजनों ने विभागीय अधिकारियों पर अवधेश को प्रताडि़त करने व हत्या करने का आरोप लगाया है। उधर, विभागीय भ्रष्टाचार के चलते अपने साथी को खोने से क्षुब्ध ठेकेदारों ने नारेबाजी करते हुए एई का घेराव कर दिया और जेई की पिटाई कर दी। पुलिस ने किसी तरह बीचबचाव कर ज को छुड़ाया। तनाव को देखते हुए परिसर में फोर्स तैनात कर दी गई है।
विभाग पर काफी रकम थी बकाया
मूल रूप से गाजीपुर जिला निवासी ठेकेदार अवधेश चंद्र श्रीवास्तव पीडब्ल्यूडी में ठेकेदारी करते थे। लंबे समय से विभाग पर काफी रकम बकाया थी। विभागीय लापरवाही के कारण लंबे समय से उनका भुगतान नहीं हो पा रहा था। बुधवार की सुबह क्षुब्ध हो कर चीफ इंजीनियर कार्यालय में अवधेश पहुंचे तो बकाया भुगतान करने को कहा, इस पर चीफ इंजीनियर ने उनको बुरी तरह डांट दिया। इसी दौरान ठेकेदार ने मुख्य अभियंता अम्बिका सिंह के सामने असलहा निकालकर खुद को गोली मार ली। गोली चलने की जानकारी होने के बाद परिसर में हड़कंप मच गया और मौके पर विभागीय लोग पहुंचे तो ठेकेदार की मौत हो चुकी थी। मौके पर पहुंची पुलिस ने जांच पड़ताल की तो मृतक के पास से कई पन्नों का सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है। पुलिस उसी के आधार पर अब तहकीकात कर रही है।
करोडों का चल रहा था ठेका
विभागीय सूत्रों के अनुसार कबीरचौरा महिला अस्पताल निर्माण का लगभग 20 करोड़ रुपये का ठेका था, जिसमें लगभग 90 फीसद तक कार्य हो चुका था। तीन से चार करोड़ रुपये इस समय बकाया था। ठेकेदार इसी रकम के भुगतान के लिए कई माह से मुख्य अभियंता कार्यालय का चक्कर काट रहा था। मगर मुख्य अभियंता भुगतान के लिए टाल मटोल करते रहे। जबकि इसी महीने काम पूरा कर विभाग काे हैंडओवर करना था। बकाया की वजह से ठेकेदार पर अधिक देनदारी हो गई थी मगर विभाग की ओर से भुगतान नहीं किया जा रहा था। विभाग की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार 1999.79 लाख रुपये कार्य का बजट था मगर कुल 1721.32 लाख रुपये भुगतान हो चुका था।
खुदकशी के इरादे से ही निकले थे घर से ठेकेदार
कैंट थाना क्षेत्र के नवलपुर बसही स्थित विश्वनाथपुरी कालोनी अवधेश श्रीवास्तव (50 वर्ष) सुबह लगभग साढ़े ग्यारह बजे अपने वाहन चालक बसंत के साथ नदेसर स्थित लोक निर्माण विभाग पहुंचे। अवधेश सीधे मुख्य अभियंता अंबिका सिंह के कमरे में पहुंचे। मुख्य अभियंता से बिल के पेमेंट को लेकर कुछ बात होती है, इसी बीच अवधेश श्रीवास्तव अचानक अपनी लाइसेंसी रिवाल्वर निकाल लेते हैं और दाहिने कनपटी पर रखकर ट्रिगर दबा देते हैं। मुख्य अभियंता के कमरे से गोली चलने की आवाज सुनते ही लोग उधर दौड़ पड़े। कमरे में पहुंचे तो देखा अवधेश एक तरफ गिरे पड़े हैं और उनकी कनपटी से खून रिस रहा था। तत्काल पुलिस को सूचना दी जाती है। मौके पर पहुंचे कैंट इंस्पेक्टर ने शव को डीडीयू अस्पताल भेजा।
10 करोड़ से अधिक का था भुगतान रूका, एक करोड़ की जारी थी आरसी -लोक निर्माण विभाग की ओर से जारी लगभग बीस करोड़ के विभिन्न प्रोजेक्ट का टेंडर अवधेश ने हासिल कर रखा था। इस समय अवधेश का पीडब्ल्यूडी पर लगभग 10 करोड़ 66 लाख रुपये बकाया था। अवधेश इन दिनों मंडलीय अस्पताल कबीरचौरा में चल रहे 100 बेड के महिला अस्पताल के निर्माण में लगे थे। कई दिनों से वह रेन वाटर हार्वेस्टिंग, पंप हाउस व सीसी रोड निर्माण के संबंध में 48 लाख रुपये के भुगतान के लिए चक्कर लगा रहे थे। मंडलीय अस्पताल में निर्माण के दौरान अस्पताल परिसर की बिजली का इस्तेमाल करने के कारण विद्युत विभाग ने वसूली के लिए एक करोड़ रुपये की आरसी जारी कर रखी थी।