नहीं गया चंद्रयान-2, तकनीकी कारणों से रोका गया मिशन

FARRUKHABAD NEWS

श्रीहरिकोटा। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के दूसरे मून मिशन चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग तकनीकी कारणों से फिलहाल रोक दी गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, लॉन्च से 56.24 सेकंड पहले चंद्रयान-2 का काउंटडाउन रोका गया है। इसरो की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि, लॉन्चिंग से ठीक पहले लॉन्च व्हीकल सिस्टम में एक तकनीकी गड़बड़ी देखी गई। जिसके चलते चंद्रयान 2 प्रक्षेपण को रोक दिया गया है। लॉन्च की नई तारीख इसरो जल्द घोषित करेगा।

इसरो के प्रवक्ता बीआर गुरुप्रसाद ने जानकारी देते हुए कहा कि, जीएसएलवी-एमके3 लॉन्च व्हीकल (रॉकेट) में खामी आने की वजह से लॉन्चिंग रोक दी गई है। लॉन्चिंग की अगली तारीख जल्द ही घोषित की जाएगी। इसरो ने बयान जारी कर कहा, ‘काउंटडाउन के 56वें मिनट के दौरान लॉन्च व्हीकल सिस्टम में एक तकनीकी दिक्कत का पता चला। ऐहतियातन हमने आज लॉन्च होने वाले चंद्रयान-2 मिशन को यहीं रोकने का फैसला किया है। लॉन्चिंग की नई तारीख की घोषणा जल्द ही की जाएगी।’ इस रुकावट की वजह से इसरो वैज्ञानिकों की 11 साल की मेहनत को छोटा सा झटका लगा है। चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग पर भारत समेत दुनिया के कई देश नजरें थी। बता दें कि लॉन्चिंग रॉकेट में 3.8 टन का चंद्रयान अंतरिक्ष यान है। रॉकेट को ‘बाहुबली’ उपनाम दिया गया है।जीएसएलवी मार्क-3 जो चंद्रयान-2 को उसके निर्धारित ऑर्बिट तक लेकर जा रहा है, भारत का अबतक का सबसे शक्तिशाली स्पेस लॉन्चर है। सफल लॉन्चिंग के बाद चांद के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान-2 के लैंड करने में करीब 2 महीने का वक्त लगेगा। लॉन्च के सफल होने के बाद करीब 55 दिन में चंद्रयान-2 के 6 सितंबर को चांद की सतह पर उतरने की संभावना है।

चंद्रयान-2 मिशन पर 978-1000 करोड़ रुपये के बीच लागत आई है। अगर मिशन सफल हुआ तो अमेरिका, रूस, चीन के बाद भारत चांद पर रोवर उतारने वाला चौथा देश होगा। चंद्रयान-2 से पहले चंद्रयान-1 का सफल प्रक्षेपण किया जा चुका है। जिसे 22 अक्टूबर 2008 को लॉन्च किया गया था, लेकिन तब भारत ने चांद पर क्रैश लैंडिंग कराई थी जिसे हार्ड लैंडिंग भी कहा जाता है। चंद्रयान-1 ने चांद की सतह पर पानी की खोज की थी, जो बड़ी उपलब्धि थी।