फर्रुखाबाद: देश की सीमा पर तो दुश्मनों के छक्के छुड़ा कई मैडल प्राप्त कर लिए लेकिन जब कैप्टन रिटायर्ड होने के बाद अपने घर आये तो अपने खून ने उनके साथ सीमा के दुश्मनों से भी जादा व्यवहार भद्दा व्यवहार किया| जब वह पूरी तरह से टूट गये तो उन्होंने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया| एसडीएम कोर्ट ने दो पुत्रों व पुत्रबधुओं को नोटिस भेज कोर्ट में तलब किया है| वही पुलिस को कैप्टन की सुरक्षा के आदेश दिये है|
कोतवाली फतेहगढ़ के अपर दुर्गा कालोनी निवासी कैप्टन सुरेन्द्र सिंह ने बताया की वह सेना से बीते वर्ष 1990 में अवकाश पर आया गये थे| उन्होंने 1965 व 1971 की लड़ाई में अपनी अहम भूमिका अदा की| 1 जुलाई 2013 को उनकी पत्नी का स्वर्गवास हो गया | उनके तीन पुत्र है| गजेन्द्र सिंह, शैलेन्द्र सिंह व रवेन्द्र सिंह| उन्होंने बताया कि बड़ा पुत्र शैलेन्द्र मानसिक रूप से स्वास्थ्य नही है| लेकिन विवाह तीनो पुत्रों का हो गया|
गजेन्द्र सिंह अपनी पत्नी गीता देवी व रवेन्द्र सिंह अपनी पत्नी उमा के साथ उनके लिये हुये मकान में ही रहता है| जबकि ह दोनों पुत्र भी नौकरी करते है| बड़ा पुत्र की हालत ठीक न होने पर उसके पुत्र ध्रुव के नाम उन्होंने बसीहत कर दी| जिससे अन्य दोनों पुत्र आक्रोशित हो गये| वह आये दिन मानसिक व शारीरिक परेशान करने लगे | अपने पुत्रों की प्रताड़ना से परेशान होकर कैप्टन सुरेन्द्र सिंह ने वरिष्ठ नागरिक व माता-पिता कल्याण व भरण-पोषण अधिनियम के तहत वाद दायर किया| जिसे एसडीएम कोर्ट में स्वीकार कर लिया गया| वही आरोपी दोनों पुत्र व पुत्र बधुओं को नोटिस जारी कर कोर्ट में तलब किया है|
खास बात यह है कि नोटिस मिलने के दौरान पुन: मारपीट ना करे| इसकी सुरक्षा के लिये प्रभारी निरीक्षक फतेहगढ़ को आदेश किया गया की वह सुरक्षा करे| मुकदमे में पैरवी अधिवक्ता दीपक द्विवेदी ने की|